गर्व की अनुभूति कराती है एनसीसी की यह खाकी वर्दी: डॉ. बोपापुरकर

कोरबा 16 मार्च। एनसीसी राष्ट्रीय कैडेट कोर को सेकंड लाइन ऑफ आर्मी, यानि सेना की दूसरी पंक्ति कहा जाता है, क्योंकि एनसीसी गतिविधियों से जुडऩे वाले कॉलेज के हर कैडेट को दो वर्ष के विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों व शिविरों के माध्यम से इतना सक्षम कर दिया जाता है कि समय आने पर भारतीय सेना के साथ वे दुश्मनों से लोहा लेने के काबिल हो जाते हैं। एनसीसी की खाकी वर्दी का उत्साह यूं है कि उसे तन पर धारण करने वाले कैडेट्स के दिल में राष्ट्रीयता का जज्बा उमड़ता है, तो देश के लिए गर्व की अनुभूति भी कराती है।

यह बात बुधवार को कमला नेहरु महाविद्यालय में आयोजित एनसीसी सी सर्टिफिकेट प्राप्त कर चुके सीनियर कैडेट्स के लिए आयोजित विदाई कार्यक्रम में छात्र सैनिकों का मार्गदर्शन करते हुए प्राचार्य डॉ.प्रशांत बोपापुरकर ने कही। उन्होंने एनसीसी कैडेट्स को उनके आगामी भविष्य को सुनहरे युग की ओर कदम बताते हुए जीवन में सफलताओं के झंडे गाडऩे प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह उन्होंने कॉलेज कैंपस में कदमताल कर यह सफर पूरा कियाए अगले सफर पर अपने लक्ष्य की ओर उसी समर्पण व उत्साह के साथ मंजिल मिलने तक कदमताल करते आगे बढ़ें। महाविद्यालय की एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट अनिता यादव के मार्गदर्शन में यह विदाई समारोह आयोजित किया था। विदाई की इस बेला को यादगार बनाते हुए अनेक कार्यक्रम हुए व सामूहिक रूप से फोटो सेशन भी कराया। इस दौरान सी सर्टिफिकेट प्राप्त कैडेट्स के साथ फस्र्ट ईयर व सेकंड ईयर के एनसीसी छात्र-छात्राएं भी शामिल हुए। सी सर्टिफिकेट प्राप्त करने के साथ ही उनका इस गतिविधि में सफर पूरा हुआ और एनसीसी गतिविधियों के अंतिम दौर में महाविद्यालय परिसर में एक कार्यक्रम रखा था। इस दौरान सीनियर अंडर ऑफिसर दोषांत राजवाड़े, जूनियर अंडर ऑफिसर, एसडब्ल्यू दीपा टंडन, पूजा, अनु यादव, देविका मौजूद रहे।

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