कुसमुंडा माइंस में चोरियां बढ़ीं: असुरक्षा के बीच कर्मचारी काम करने को मजबूर, सीजीएम कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन

कोरबा 16 मार्च। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की दूसरी बड़ी मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा में सुरक्षा व्यवस्था का पुनरीक्षण करने के साथ पिछले वर्ष सीआईएसएफ को यहां से मुक्त कर दिया गया। त्रिपुरा राइफल्स को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन सबके बीच चोरियां बढ़ गई है। मौजूदा स्थिति में असुरक्षा के बीच कर्मचारी काम करने को मजबूर हैं। श्रमिक संगठनों ने इस मसले पर नाराजगी जताई और आज सीजीएम कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया।

एसईसीएल के कुसमुंडा खदान में लगातार हो रही कोयला, कबाड़ और डीजल की चोरी पर अंकुश लगाए जाने तथा कामगारों की सुरक्षा की मांग को लेकर संयुक्त श्रम संगठन ने आज एरिया महाप्रबंधक के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया तथा एक दिवसीय धरना दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रबंधन विरोधी नारे जमकर लगाए गए। संयुक्त श्रम संगठन के प्रदर्शन में शामिल श्रमिक नेताओं का कहना था कि कुसमुंडा खदान में आए दिन कोयला, डीजल एवं कबाड़ की चोरी बड़े पैमाने पर हो रही है और न केवल चोरी हो रही है बल्कि खदान में कार्यरत कामगारों के साथ छीना-झपटी व मारपीट भी की जा रही है। जिससे भय का वातावरण बना हुआ है। ऐसे वातावरण में कार्य करना हम सभी के लिए बहुत ही मुश्किल है। हम असुरक्षित वातावरण में काम करने पर मजबूर हैं। उन्होंने कामगारों को सुरक्षा प्रदान करने तथा खदान में बढ़ती चोरी की घटनाओं पर तत्काल अंकुश लगाए जाने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही उनकी मांगों पर गंभीरता नहीं दिखाई गई तो आगामी दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा जिसकी सारी जवाबदारी एसईसीएल प्रबंधन की होगी। आज के प्रदर्शन में श्रमिक संगठन सीटू, इंटक, एटक, एचएमएस, बीएमएस के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए।

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