महुआ का सीजन शुरू होते ही जंगल में बढ़ी आगजनी
कोरबा 13 मार्च। महुआ का सीजन शुरू होने पर जंगल में आगजनी की घटनाएं बढ़ गई है। वन विभाग को रोज चार से पांच स्थानों पर आग लगने की सूचना मिल रही है। गांव के आसपास आग लगने पर ग्रामीण स्वयं ही आग बुझाते हैं। वन विभाग ने फायर वाचर की नियुक्ति कर आग बुझाने के लिए उपकरण भी दिया है, लेकिन जब तक आग बुझाने बहुत से हैं, तब तक बड़े क्षेत्र पौधे नष्ट हो चुके होते हैं।
जंगल में अभी पतझड़ के बाद पत्ते का ढेर लगे हुए हैं। महुआ सीजन शुरू होने के बाद ग्रामीण रोज सुबह जंगल पहुंचते हैं। बच्चे की सफाई करने के बजाए आग लगा देते हैं। आग लगने की यह घटनाएं हर साल होती है। जैसे ही महुआ का सीजन समाप्त होता है अब गिरने की घटनाएं कम हो जाती है। जिले के दोनों वनमंडल कोरबा और करतला में रात के समय दूर से ही आग की लपटें नजर आती है। बालको रेंज के फूटहामुड़ा में दिन में लगी आग तेजी से फैल रही थी। लेकिन बुझाने के लिए कोई भी नहीं आया। वन विभाग भले ही दावा करे कि आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है । लेकिन रात के समय लगी आग को काबू पाने के लिए कोई भी जंगल नहीं जाता। रोज 10 से 15 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो जाते हैं। बड़े पेड़ तो बच जाते हैं लेकिन छोटे पौधे नष्ट हो जाते हैं।
जंगल में आग लगने पर जंगली जानवर भी प्रभावित होते हैं। आग से बचने के लिए आबादी क्षेत्रों में पहुंच जाते हैं। अभी दोनों ही वन मंडल में हाथी घूम रहे हैं। कई बार ग्रामीण जंगली जानवरों से बचने के लिए भी जंगल में आग लगा देते हैं। महुआ सीजन समाप्त होने के बाद तेंदूपत्ता का सीजन शुरू हो जाता है। उस समय भी पत्ते अच्छे निकले इसके लिए भी लोग जंगल में आग लगा देते हैं। 5 साल पहले वन विभाग ने तेंदूपत्ता ठेकेदार पर आग लगाने के मामले में कार्रवाई भी की थी। दो ही सीजन ऐसे हैं जब आग लगने की घटनाएं होती है।