पीडीएस संचालकों को कमीशन राशि देने में आनाकानी

कोरबा 07 जनवरी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान संचालित करने के साथ उपभोक्ताओं को सरकारी राशन की सुविधा देने वाले संचालकों को कमीशन की राशि देने में आनाकानी की जा रही है।

जानकारी के अनुसार कुछ निलंबित दुकानों की कमीशन राशि को मौजूदा संचालकों के दूसरे खातों में भेजकर अनियमितता की जा रही है। विभागीय दबाव के कारण पीडीएस संचालक खुलकर नहीं बोल पा रहे हैं। जबकि राशि नहीं मिलने से उनके कई प्रकार के खर्चों को निकाल पाना मुश्किल हो रहा है। भारतीय खाद्य निगम की सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य और लोकजन शक्ति पार्टी के अध्यक्ष राजकुमार दुबे ने मामले की जांच के लिए कलेक्टर से मांग की है। इस बारे में विस्तृत पत्र लिखा गया है।

कहा गया कि नागरिक आपूर्ति निगम और खाद्य विभाग की भूमिका से पीडीएस दुकान संचालकों को कमीशन की राशि नहीं मिल पा रही है। इस राशि को दूसरे वितरण समूह या व्यक्ति के खातों में डालकर अफरा तफरी की जा रही है। कई स्तर से पता चला है कि अपात्र नंबर में राशि अंतरित करने के साथ यह कारनामा किया जा रहा है। अनेक पीडीएस दुकान संचालकों ने कमीशन की राशि नहीं मिलने और इसके पीछे जुड़े कारणों की जानकारी दी है। कलेक्टर को यह भी बताया गया कि कमीशन के अभाव में पीडीएस दुकानों के किराये, स्टाफ पेमेंट और व्यक्तिगत खर्चों को निकालपाना मुश्किल हो रहा है। कहा जा रहा है कि कमीशन की राशि देने के उपलक्ष्य में खाद्य विभाग के कुछ निरीक्षक कमीशन की मांग कर रहे हैं। कलेक्टर से मांग की गई है कि स्वतंत्र कमेटी बनाकर पीडीएस दुकानों के आय.व्यय का आडिट कराया जाए ताकि सच सामने आ सके।

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