साहित्य साधना है: त्रिलोक महावर
*राष्ट्रीय मंजिल ग्रुप साहित्य मंच का साहित्यिक कार्यक्रम*
*महानदी की उद्गम स्थली नगरी सिहावा में संपन्न*
सिहावा। ऋषियों की तपोभूमि महानदी की उद्गम स्थली, नगरी सिहावा के कर्णेश्वर धाम में राष्ट्रीय मंजिल साहित्य ग्रुप मंच के तत्वाधान में साहित्यिक रथ यात्रा व सम्मान कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि त्रिलोक महावर, वरिष्ठ साहित्यकार, कवि एवं संचालक, प्रशासन अकादमी छत्तीसगढ़, विशिष्ठ अतिथियों में सुधीर सुधाकर राष्ट्रीय संयोजक मंजिल साहित्य ग्रुप, अंजनी कुमार तिवारी वरिष्ठ साहित्यकार, श्रीमती आराधना नागेंद्र शुक्ला अध्यक्ष नगर पंचायत नगरी, विकल गुप्ता अध्यक्ष कर्णेश्वर महादेव ट्रस्ट देऊरपारा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अनिल भतपहरी सचिव राजभाषा आयोग ने की।
कार्यक्रम में शुरूआत में आभा श्रीवास्तव ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। रवि दुबे ने वंदेमातरम तथा परिष्कृत आडील ने राजगीत की प्रस्तुति की l
इस अवसर मुख्य अभ्यागत त्रिलोक महावर की उल्लेखनीय साहित्यिक उपलब्धियों की चर्चा करते हुए, उन्हें सम्मानित किया गया।
मगसम के राष्ट्रीय संयोजक सुधीर सुधाकर ने हिंदी हो राष्ट्रभाषा और छत्तीसगढ़ी बने राजभाषा विषय पर विचार प्रकट किये। उन्होंने साहित्य की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए इसके सम्मान को खरीदने की चेष्ठा करने वाले और सस्ती लोकप्रियता बटोरने की कोशिश करने वालों पर करारा प्रहार किया।
त्रिलोक महावर, जो धमतरी के कलेक्टर भी रह चुके हैं ,ने मुख्य अतिथि की आसंदी से कहा कि साहित्य सृजन साधना है। साहित्याकारों के सम्मान पर मैं प्रसन्नता व्यक्त करता हूं। मगसम की साहित्य यात्रा तथा माँ पर केंद्रित काव्य पाठ बहुत महत्वपूर्ण है। इससे अंचल में साहित्यिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। अमिता दुबे को अपनी माता जी के नाम पर साहित्यकारों को सम्मान प्रदान करने के लिए उन्होने बधाई दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. अनिल भतपहरी, सचिव राजभाषा आयोग छत्तीसगढ़ ने छत्तीसगढ़ी भाषा को आगे बढ़ाने के लिए अपना हर संभव प्रयास करने की बात कहते हुए साहित्यकारों को छत्तीसगढ़ी में अपने लेख और किताबें राजभाषा आयोग भेजने पर उन्हें आयोग के द्वारा प्रकाशित करवाने के लिए अपना सहयोग देने की बात कही।
काव्यपाठ के सत्र में सुदूर अंचल से आये एवं स्थानीय कविगण अनिभा अग्रवाल, भानुप्रताप कुंजाम, प्रकाश राय, के एस अडील, राजेश तिवारी, विश्मीर चंद्रा, सुषमा अडील, आभा श्रीवास्तव, होमलता गोस्वामी, हर्षलता गजबल्ला, भूपेंद्र सोनी, युगल किशोर सोनी, अनिता गौर, किसान दीवान, दिनेन्द्र दास, शैलचंद्रा, अमता रवि दुबे तथा त्रिलोक महावर ने मां पर केंद्रित कविता पाठ किया।
कार्यक्रम में अंचल के प्रतिष्ठित नागरिक एवं साहित्य प्रेमी नागेन्द्र शुक्ला, अजय नाहटा उपाध्यक्ष नगर पंचायत नगरी, कॉलेज प्राचार्य बनपेला, प्रोफेसर सुश्री अम्बा शुक्ला, राम गोपाल साहू, डॉ. जीआर देवांगन, श्रीमती प्रतिमा देवांगन, श्रीमती साधना तिवारी, श्रीमती सुमन गुप्ता, धानु राम साहू, नीरज सोन, पीटीआई अशोक गजबल्ला, भरत निर्मलकर एवं बड़ी संख्या में प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय सुखराम नागे जिनके नाम पर शासकीय महाविद्यालय नगरी है, उनके परिजनों को शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संयोजन अमिता रवि दुबे के द्वारा किया गया और संचालन श्रीमती सुषमा आभा श्रीवास्तव के द्वारा किया गया।