आक्रोशित दंतैल ने ग्रामीण को उतारा मौत के घाट

बीटगार्ड की लापरवाही उजागर, मृतक के परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध

कोरबा 17 अगस्त। जिले के पसान रेंज में आज सुबह दंतैल हाथी द्वारा हमला कर दिए जाने से एक ग्रामीण की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं। पीएम व अन्य औपचारिकता पूरी करने के बाद वन विभाग द्वारा मृतक के परिजनों को तत्कालिक तौर पर 25 हजार रुपए की सहायता राशि उपलब्ध करा दी गई है।


जानकारी के अनुसार कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज के बैरा सर्किल में 23 हाथियों का दल पिछले कुछ दिनों से विचरण कर रहा है। इस दल में कुछ उत्पाती हाथी भी मौजूद हैं। जिसके द्वारा क्षेत्र में लगातार उत्पात मचाते हुए ग्रामीणों के घरों व फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। दल में शामिल एक उत्पाती हाथी बुधवार को सुबह 5.30 बजे के लगभग अलग होकर तर्री बीट के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत चंद्रौटी के कटेलपारा पहुंच गया और यहां जंगल कक्ष क्रमांक ओएच 667 के बीच में बने एक ग्रामीण के घर को तोडऩे लगा। पीडि़त व्यक्ति द्वारा शोर मचाए जाने पर गांव के अन्य लोग इक्कठे हुए और घर को तोड़ रहे हाथी को भगाने का प्रयास किया। हाथी को भगाने के लिए ग्रामीणों द्वारा बाजा बजाने के साथ ही पटाखा भी फोड़ा जा रहा था। तभी हाथी एकाएक आक्रोशित हो गया और ग्रामीणों को दौड़ाने लगा। हाथी के हमले से बचने के लिए ग्रामीण उल्टे पांव भागने लगे। ग्रामीण जब भाग रहे थे तभी श्यामलाल पिता रघुवीर उरांव 45 वर्ष नामक व्यक्ति पत्थर से टकराकर गिर गया। ग्रामीण के गिरते ही हाथी ने उसे पैरों तले कुचल दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना पसान रेंजर धर्मेन्द्र चौहान, डिप्टी रेंजर व अन्य अधिकारियों को देने के साथ ही पुलिस को भी दी गई। जिस पर रेंजर धर्मेन्द्र चौहान के नेतृत्व में वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचे। इसी बीच पसान थाना प्रभारी भी स्टाफ समेत घटना स्थल पर पहुंच गए थे। पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों ने आवश्यक कार्यवाही की। वन विभाग द्वारा मृतक के परिजनों को तत्कालिक तौर पर 25 हजार रुपए की सहायता राशि उपलब्ध करा दी गई है।

घटना का अहम पहलू यह रहा कि यहां के बीटगार्ड को उत्पाती हाथी के क्षेत्र में पहुंचने की सूचना ग्रामीणों द्वारा रात में ही दे दी गई थी। किंतु बीटगार्ड ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। सुबह भी घटना से पहले उसे बार-बार ग्रामीणों द्वारा सूचना दिए जाने के बाद भी वे हाथी को भगाने नहीं पहुंचे और ग्रामीणों के जान-माल की सुरक्षा के प्रति लापरवाही दिखाई। बीटगार्ड की लापरवाही से एक ग्रामीण की जान चली गई। ग्रामीणों का कहना है कि रात में सूचना दिए जाने के बाद यदि बीटगार्ड अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी देते और हाथी को भगाने के लिए मौके पर पहुंचते तो शायल यह घटना नहीं होती। क्योंकि वन अमला के नहीं पहुंचने के कारण ग्रामीणों को सुरक्षा के लिए आगे आना पड़ा और खदेडऩे की कार्यवाही करनी पड़ी। यह अलग बात रही कि हाथी आक्रोशित हो गया और हमला कर एक ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया। इससे पहले हाथियों ने सोमवार की रात बैरा सर्किल के तुलबुल गांव में पहुंचकर भारी उत्पात मचाया था। इस दौरान हाथियों ने 4 ग्रामीणों के मकान तोड़ दिए थे और बड़ी मात्रा में फसलों को तहस-नहस कर दिया था।

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