भू-विस्थापितों ने गेवरा खदान में फिर रोका निजी कंपनी का काम

कोरबा 10 जुलाई। एसईसीएल की गेवरा परियोजना में ओव्हर बर्डन का काम कर रही निजी कंपनी हरेराम गोदरा ने रोजगार दिये जाने की मांग क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं व भू-विस्थापीत ग्रामीणों द्वारा लंबे समय से किया जा रहा है। लेकिन कंपनी के अधिकारी उनकी मांगों को दरकिनार कर दे रहे है और कंपनी में स्थानीय लोगों को काम पर रखने की बजाये दीगर प्रांत से मजदूर, ड्राव्यहर लाकर ओबी का काम कराया जा रहा है। इतना ही नहीं स्थानीय लोगों के साथ दुव्र्यव्हार भी करते है जिससे क्षेत्रवासियों में गहरा आक्रोश है।

कंपनी के रवैय्ये से परेशान व आक्रोशित ग्रामीणों जिसमें उमेंदी भाठा, मुडिय़ानार, भिलाई बाजार, बाम्हनपाट व अन्य गांव के महिला एवं पुरूष शामिल थे। आज सुबह बड़ी संख्या में खदान के निकट एकत्रित हुए और छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष मुरली महंत के नेतृत्व में खदान में प्रवेश कर निजी कंपनी द्वारा वहां किये जा रहे कार्यों को बंद करा दिया।ग्रामीणों द्वारा किये गये प्रदर्शन व काम बंद हड़ताल से कंपनी के कर्ताधरता व एसईसीएल के अधिकारी सख्ते में आ गये। खदान में मौजूद सुरक्षा जवानों ने भी ग्रामीण को समझाबुझाकर रोकने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण नहीं माने और खदान के भीतर प्रवेश कर कामकाज को पूरी तरह बंद करा दिया। हड़ताल का नेतृत्व कर रहे मुरली महंत ने बताया कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कंपनी स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दे देती। तथा ग्रामीणों के साथ दुव्र्यव्हार करने वाले कंपनी के अधिकारी अजय सिंह को हटा नहीं दिया जाता। क्षेत्रवासी कंपनी के वादाखिलाफी से हलाकान है। जब-जब यहां रोजगार की मांग को लेकर ग्रामीणों द्वारा हड़ताल किया जाता है और प्रदर्शन होता है कंपनी के अधिकारी स्थानीय लोगों को काम पर रखने की बात जरूर करते है और आश्वासन भी देते है। लेकिन प्रदर्शन समाप्त होते ही इसे भूल जाते है और स्थानीय लोगों को नौकरी के लिए लगातार चक्कर लगवाने के साथ दुव्र्यव्हार भी करते है।

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