मनखे-मनखे एक समान संदेश को अपना समाज को बढ़ाना है आगे : महंत

पताढ़ी में दो दिवसीय सतनाम मेला आयोजित   

कोरबा 29 मार्च। सतनामी समाज के स्वाभिमान के प्रतीक 100 गवां गुरुगद्दीधाम पताढ़ी में दो दिवसीय सतनाम मेला का आयोजन किया गया था। उद्घाटन समारोह में पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर व समापन समारोह में विधान सभा अध्यक्ष चरण दास महंत बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अध्यक्षता आयोजन समिति के अध्यक्ष खोलबहरा रत्नायका ने किया।   

विशिष्ठ अतिथि के रूप में पूर्व विधायक श्याम लाल कंवर, सुरेंद्र प्रताप जायसवाल जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण जिलाध्यक्ष, अजित दास महंत जिला पंचायत सदस्य नीलिमा लहरे व मनीराम जांगड़े उपस्थित रहे। अतिथियों द्वारा गुरू घासीदास के गुरुगद्दी, जैतखाम व बाबा जी के शैल चित्र के समक्ष पूजा अर्चना किए। तत्पश्चात समिति के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा आगंतुक अतिथियों का शालए श्रीफल व महामाला से स्वागत किया गया। समापन समारोह में डा चरण दास मंहत ने कहा कि सतनामी समाज के गुरू परिवार से पारिवारिक संबंध है। गुरू घासीदास सतनामी समाज ही नहीं वरन सभी समाज के लोगों द्वारा उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया जाता है। कार्यक्रम को पूर्व विधायक श्याम लाल कंवर, सुरेंद्र प्रसाद जायसवाल, खोलबहरा रत्नाकर, अजीत दास महंत ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा मनखे-मनखे एक समान संदेश को अपनाते हुए अपने समाज को आगे बढ़ाना है, साथ ही आपस में सदैव भाईचारा की भावनाओं को लेकर कार्य करना है, तभी जिला व प्रदेश का चहुंमुखी विकास होगा। कार्यक्रम का संचालन करते हुए अखिल भारतीय सतनामी युवा कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष मनी राम जांगड़े ने करते हुए पदाधिकारियों व सतनामी समाज के राज महंतो की ओर से मुख्य अतिथि डॉ. चरण दास महंत के समक्ष मनखे मनखे एक समान वाक्य को राजकीय शब्द घोषित करने की मांग रखी।   

उक्त आयोजन को सफल बनाने में रामायण रात्रे, आत्मा राम पन्ना, सुरेश महिलांगे, अनिल खूंटे, दिनेश जोशी, कमलेश अनंत, सुकृता कुर्रे, गेसराम मिरी, जेपी कोसले, रामचंद पाटले, पुजारी दवन साय राय, अमृत लाल अनंत नरेंद्र भारद्वाज, बीआर रत्नायका शत्रुघ्न कुर्रे, घनश्याम भास्कर, विनोद रत्नाकर, गोविंद राम सांडे, कमलसाय भारती, मनोज सांडे, लोकेश धैर्य, गणेश राम महिलांगे, मोहब्बत राम कुर्रे, सम्मेलाल पाटले, राजकुमार कुर्रे, अशोक पाटले, मनीराम रात्रे, प्रदीप रात्रे, गणेश बघेल, रमेश मिरी, जवाहर डहरिया, घनाराम सांडे, रोशन खांडे, प्रवीण ओगरे, शुक्रवार जांगड़े, सुरेन्द्र कुंजल समेत अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता का योगदान रहा।

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