तीन वार्ड के नागरिकों का जीना दुभर, जर्जर सड़क व जीर्ण-क्षीर्ण नाली से त्रस्त

कोरबा 21 फरवरी। नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल कालोनी कोरबा पूर्व वार्ड क्रमांक 17ए 18ए 19 में सड़क, नाली, स्ट्रीट लाइट व सफाई के अभाव से वार्ड में निवासरत नागरिकों का जीना दुभर हो गया है। वार्ड क्रमांक 17 में बजरंग गली की सीसी रोड व नाली इतनी जीर्ण. क्षीर्ण हो चुकी है कि उससे लगे मकानों के दीवारों में दरार पड़ने लगी है।

इस संबंध में वार्ड पार्षद समेत निगम के उच्च अधिकारियों को अनेक बार पत्र व्यवहार किया गयाए बावजूद नाली का नवीन निर्माण नहीं कराया गया। मोहल्ले के नागरिकों ने आपस में चंदा कर 3400 रूपये एकत्र कर नाली की मरम्मत करा रहे हैं। इस राशि से महज लगभग 20 मीटर नाली का निर्माण हो सका। लेकिन पूरी बस्ती की सीसी रोड व नालियां पूर्ण रूप से टूट चुकी हैं और बहने वाला पानी घरों की दीवारों पर घुस रहा है, इसके कारण मकान कभी भी टूट कर धराशाई हो सकता हैं। इस संबंध में मनीराम जांगड़े ने नगर निगम आयुक्त, कलेक्टर को पत्र लिखकर मांग की है कि निगम क्षेत्र के क्षेत्रवासी की मांगो को ध्यान में रखते हुए हर संभव कार्य किया जा रहा है, पर इन तीनों वार्डों की घोर उपेक्षा की जा रही है, जो समझ से परे है। स्ट्रीट लाइट चार माह से बंद पड़ी हुई है व सीएसईबी कालोनी में विद्युत विभाग के कर्मचारियों के र्क्वाटर के पीछे का कचड़ा को कम से कम 10 वर्ष हो गए है जिसकी आज तक नगर निगम और न ही विद्युत विभाग द्वारा साफ सफाई नहीं की गई है। इसके कारण कर्मचारी सहित कालोनी में निवासरत लोगों का जीना दूभर हो गया है। जांगड़े ने कहा कि नगर निगम के प्रभाकर पांडे द्वारा कुछ दिन पूर्व एसईसीएल प्रबंधन द्वारा अपनी कालानी की सफाई नहीं किए जाने के कारण 10 हजार रूपये जुर्माना लगाया था, यही कारण है कि आज की स्थिति की एसईसीएल प्रबंधन अपनी कालोनी की सफाई को लेकर सजग हो गया हैं। इसी प्रकार सीएसईबी कालोनी कोरबा पूर्व के उच्च अधिकारियों के उपर भी अविलंब कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि उक्त समस्याओं के समाधान को नजरअंदाज कर कुंभकरणी नींद में सो रहे अधिकारियों की नींद खुल सके। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या सफाई व सड़क को लेकर हैं। अगर इस पर जिला प्रशासन व नगर निगम कोरबा के साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल द्वारा अविलंब निर्णय नही लिया जाता है तो कालोनीवासी उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य रहेंगे।

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