एसईसीएल में भूमि पुत्रों को नौकरी, सीएसआर और सुविधाओं की बेहतरी का मुद्दा संसद में गुंजा

कोरबा 10 दिसंबर। कोरबा संसदीय क्षेत्र में एसईसीएल की कोरबा जिले में संचालित खदानों के भू विस्थापितों के मुद्दों को लगातार सदन में उठा कर उनके लिए आवश्यक कदम उठाने सांसद ज्योत्स्ना चरणदास महंत प्रयासरत हैं। उन्होंने सदन की कार्यवाही में भाग लेते हुए एक बार फिर इस ओर ध्यानाकर्षण कराया है।

सांसद ने सदन को बताया कि छत्तीसगढ़ का कोरबा उर्जाधानी के नाम से विख्यात है जहां की वे सांसद हैं। देश का 120 मिलियन टन कोयला अकेले कोरबा देता है। एसईसीएल की खदानों के भू-विस्थापित 20 वर्षों से न्याय का इंतजार कर रहे हैं। इन्हें नौकरी, मुआवजा, पुनर्वास नहीं मिल रहा है। 20 साल से यह लोग एसईसीएल व सरकार के समक्ष अपनी मांग रख रहे हैं लेकिन उनकी मांग नहीं सुनी जा रही है। इस बारे में उन्होंने स्वयं केंद्रीय कोयला मंत्री के संज्ञान में सारी बातें लाई हैं और पुनः याद दिलाना चाहती हैं। सांसद ने कहा कि एसईसीएल द्वारा सीएसआर मद का ठीक तरह से लाभ नहीं दिया जा रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं की समस्या बनी हुई हैए सड़क और साफ.-सफाई की समस्या से भी लोग जूझ रहे हैं। एसईसीएल के अस्पतालों में ना तो पर्याप्त डॉक्टर और ना ही नर्सेज हैं। ना सीटी स्कैन की मशीन है ना अल्ट्रासाउंड की सुविधा। कर्मचारियों को अपने खर्च पर ही इलाज कराना पड़ता है और इसके लिए काफी दूर जाते हैं। सांसद ने केंद्रीय कोयला मंत्री से पुनः निवेदन किया है कि भूमिपुत्रों को नौकरी,मुआवजा, पुनर्वास के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।

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