सड़क निर्माण में देरी व प्रशासन की उपेक्षित रवैया से ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
कोरबा 26 नवम्बर। सतरेंगा मार्ग के सुस्त निर्माण और उड़ती धूल व गड्ढों से हलकान ग्रामीणों ने गुरूवार अजगरबहार के कोसगाई चौक में सुबह आठ बजे चक्का जाम कर दिया। पूर्व सरपंच के नेतृत्व में ग्रामीणों कहा कि सड़क निर्माण मे गति लाएं तभी वाहनों को आने जाने देंगे। चार घंटे चले चक्का जाम से मार्ग के दोनो ओर वाहनों की कतार लग गई। प्रशासन की ओर अजगरबहार तहसीलदार ने ग्रामीण को सुधार कार्य में गति लाने और सड़क में पानी छिड़काव का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर ग्रामीणों के वाहनो आवागमन बहाल किया।
कोरबा से सतरेंगा का निर्माण दो साल पहले शुरू किया गया है। 37 करोड़ की लागत से बन रहे वन मार्ग का काम बारिश से पहले बंद हुआ है, जो अब तक शुरू नहीं हुई है। निर्माण में हो रही देरी और प्रशासन की उपेक्षित रवैया से नाराज ग्रामीणों ने अजगरबहार के पूर्व सरपंच लवभूषण सिंह के नेतृत्व में चक्काजाम कर दिया। पूर्व सरपंच ने बताया सतरेंगा पहुंचने के लिए एक मात्र मार्ग होने के बावजूद निर्माण में गति नहीं दी जा रही। बारिश के समय आवागमन जटिल हो गया था। अजगरबहार और जामबहार के बीच वाहनों के के फंसने से उन्हे जैक लगाकर निकालना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के बाद सड़क निर्माण में प्रगति की संभावना थी लेकिन काम शुरू नहीं होने के कारणर धूल की मार झेलने पर ग्रामीण परेशान हैं। ग्राम पंचायत जामबहार से गढ़ तक सड़क की दर्शा इतनी दयनीय है बड़े वाहन के पीछे चलने वाले दो पहिया वाहन चालकों धूल के कारण राह नहीं सूझती। सुबह आठ से दोपहर 12 बजे तक चले चक्का जाम के कारण मार्ग के दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। अंततः प्रशासन की ओर अजगरबहार के प्रभारी तहसीलदार मुकेश देवांगन ग्रामीणों के पास पहुंचे। उन्होने ग्रामीणों चक्का जाम समाप्त करने की बात कही। इस पर ग्रामीणों ने कहा कि सड़क में नियमित पानी का छिड़काव होगा और काम में प्रगति का आवश्वसन नहीं मिल जाता अब तक वाहनों का आवागम शुरू नहीं होगा। तहसीलदार ग्रामीणों को आवश्स्त करते हुए कहा कि पानी छिड़काव गुरूवार से ही शुरू होगा और काम में प्रगति लाई जाएगी। चक्काजाम के दौरान अजगरबहार के अलावा कछार, धनगांव, गढ़, चुईया, नर्मदा, पोड़ीखोहा, सरई सिंगार आदि गांव के ग्रामीण उपस्थित थे।