RTI में हुआ खुलासा.. सैकड़ों सहायक प्राध्यापकों का भविष्य अधर में

➡️ 2017 में हुई थी पदस्थापना

➡️ परिवीक्षा अवधि 2020 में पूरी होने के बाद भी आज तक नही हो पाए नियमित

➡️ भाजपा आरटीआई प्रकोष्ठ ने किया खुलासा, मुख्य सचिव से की गई शिकायत

रायपुर। प्रदेश के सैकड़ों सहायक प्राध्यापक तीन साल की परिवीक्षा अवधि पूरी हो जाने के बाद भी उच्च शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण आज दिनांक तक नियमित नहीं हो पाए हैं जिसकी वजह से वह मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। यह खुलासा भाजपा आरटीआई प्रकोष्ठ के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के माध्यम से किया गया है जिसके पश्चात अब इसकी शिकायत मुख्य सचिव अमिताभ जैन से की गई है।

मामला 2016 का है जब राज्य सरकार ने लोक सेवा आयोग के द्वारा सहायक प्राध्यापक पद की परीक्षा ली थी जिसमें चयनित उम्मीदवारों को 2017 में पदस्थापना दी गई थी। पदस्थापना के पश्चात 3 वर्ष की परिवीक्षा अवधि पूरी होने पर इन्हें नियमित किया जाना था परंतु परिवीक्षा अवधि 2020 में पूरी हो जाने के बाद भी आज दिनांक तक सैकड़ों सहायक प्राध्यापकों को नियमित नहीं किया गया है। भाजपा आरटीआई प्रकोष्ठ को सूचना का अधिकार अधिनियम अंतर्गत प्राप्त जानकारी से उच्च शिक्षा विभाग कि यह गंभीर लापरवाही सामने आई है।

मुकेश तिवारी

भाजपा आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यसमिती सदस्य मुकेश तिवारी ने बताया कि आरटीआई में खुलासा हुआ है कि परिवीक्षा अवधि पूर्ण होने के बाद भी साल 2017 में पदस्थापना प्राप्त सहायक प्राध्यापकों को नियमित करने हेतु उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है जो की एक गंभीर विषय है। उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत मुख्य सचिव अमिताभ जैन से की गई है और उम्मीद है कि मुख्य सचिव इसका संज्ञान लेते हुए उच्च शिक्षा विभाग को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के महाविद्यालयों में प्राध्यापक व सहायक प्राध्यापकों की भारी कमी है जिसके बाद भी उच्च शिक्षा विभाग द्वारा चयनित प्राध्यापकों को नियमित करने में रूचि नहीं दिखाई जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग के इस लापरवाह व लेटलतीफी वाली कार्यशैली के कारण भविष्य की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों में खासी निराशा तथा आक्रोश व्याप्त है।

डॉ विजयशंकर मिश्रा

भाजपा सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ विजयशंकर मिश्रा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सभी सहायक प्राध्यापकों के साथ खड़ी है तथा कंधे से कंधा मिलाकर उनके हक की लड़ाई लड़ने को तैयार है। अभी मुख्य सचिव से शिकायत कि गई है, अगर सुनवाई नही होती है तो इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

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