बांकीमोंगरा क्षेत्र के वार्डो में पानी के लिए मचा कोहराम

एसईसीएल टैंकरों से गंदा पानी का किया जा रहा सप्लाई, स्वच्छ जल नहीं करेंगे तो होगा उग्र आंदोलन
कोरबा 2 अक्टूबर। एसईसीएल कोरबा क्षेत्र अंतर्गत उपक्षेत्रीय बांकी कोयला खदान जिले के सबसे पुरानी कोयला खदान है पुरानी और कोयला उत्खनन नहीं होने के कारण खदान काफी वर्षों से बंद पड़ा है उपक्षेत्रीय बांकी कोयला खदान के बांकी बस्ती पुरैना मड़वाडोड़ा दो नंबर चार नंबर पंखा दफाई रोहिना आदि लगभग 1500 जनसंख्या के आबादी से अधिक प्रभावित ग्रामों व वार्डो में पूर्ववत पाइप लाईन के माध्यम से पेयजल चालू किया गया था एसईसीएल प्रबंधन के शुद्ध पेयजल के समझौते के तहत बंद कोयला खदान के पानी को पंप के द्वारा आसपास के ग्रामों वार्डो एवं कृषि तथा तालाबों को भरने की व्यवस्था की गई थी।

लगभग 60 वर्षों तक अपने फायदे के लिए कोयला उत्खनन करने के बाद बस्तीवासी वार्डवासियों को शुद्ध पेयजल के लिए जूझना पड़ रहा है एसईसीएल के टैंकरों से गंदा पानी का सप्लाई किया जा रहा है अगर पानी की जांच कराई जाए तो जहरयुक्त पानी निकलेगा कल ही ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति संगठन और बस्तीवासियों के साथ मिलकर कई घंटों तक बांकी कोयला खदान के प्रबंधन के ऑफिस में रैली कर के ऑफिस के मुख्य द्वार पर बैठकर जमकर नारेबाजी करते हुए ज्ञापन सौंपे और शुद्ध पेयजल एवं पंप मोटर के माध्यम से पानी सप्लाई को जारी रखने की मांग की गई ।

ऊर्जाधानी संगठन कोरबा अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि एसईसीएल की सबसे पुरानी भूमिगत कोयला खदान 4 नंबर है लगभग 60 वर्षों तक उस क्षेत्र के जमीन को अपने फायदे के लिए एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा पूरी तरह से खोखला कर दिया गया। आज अपना मतलब निकल जाने के बाद प्रबंधन अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है एवं पूर्व में लिए गए समझौता के तहत शुद्ध पेयजल आपूर्ति को पूर्ण रूप से बाधित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि एसईसीएल बांकी कोयला खदान अंदर ग्राउंड होने के कारण सुखे समय में पूरे क्षेत्र के इलाको में जलस्रोत सुख जाता है जिससे पानी की संकट गहरा जाती है और पूरे क्षेत्र के इलाकों में शुद्ध पेयजल के लिए त्राहि.त्राहि मच जाती है जिसके चलते आपस में झगड़े हो जाते हैं। स्थिति परिस्थिति बड़ा भयानक हो जाती है। शुद्ध पेयजल की निस्तारी के लिए बड़े.बड़े पंप मोटर बैठाया गया था जिसे प्रबंधन द्वारा हटा दिया गया है और प्रभावित अपनी जल जंगल जमीन सब कुछ लुटा के प्रताड़ित हैं वर्तमान में बस्तीवासी वार्डवासियों के आक्रोश को ठंडा करने और कुछ स्वार्थी लोगों के ठेका उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए एसईसीएल ने 3 टैंकरों के माध्यम से बस्तीवासी वार्डवासियों के लोगों को जहरयुक्त जल परोसा जा रहा है जिसे लेकर प्रभावितों में गहरा आक्रोश व्याप्त उत्पन्न है और कभी भी बारूद की तरह फूट पड़ेगा। इस जल को पीकर कितने लोग बीमार पड़ सकते हैं। इसका सीधा.सीधा मतलब ऐसा प्रतीत होता है कि एसईसीएल प्रबंधन उस खदान प्रभावित इलाको के लोगों के जान के साथ खिलवाड़ कर रही है। जहरयुक्त पेयजल की जांच कर एस ई सी एल प्रबंधन शुद्ध पेयजल की व्यवस्था को निरंतर पंप मोटर के माध्यम से जारी रखें अन्यथा एक बड़ा जनाक्रोश एवं उग्र आंदोलन को एसईसीएल प्रबंधन न्योता दे रही है जिसकी जिम्मेदारी एसईसीएल प्रबंधन की होगी।

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