सेवानिवृत कर्मचारियों को गलत गणना से बढ़े हुए वेतन के अनुरूप नहीं मिल रही पेंशन

कोरबा 29 जुलाई। कोयला खदान से सेवानिवृत होने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को निर्धारित पेंशन नहीं मिल पा रही है। पेंशनर एसोसियेशन का आरोप है कि बढ़े हुए वेतन के अनुरूप पेंशन देना है, पर कोल माइंस प्राविडेंट की गलत ढंग से गणना कर राशि भुगतान कर रही है। इससे सेवानिवृत कर्मियों को नुकसान हो रहा।

साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल समेत कोल इंडिया लिमिटेड की अन्य आनुषांगिक कंपनियों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों के वेतन से राशि काट कर कोल माइंस प्राविडेंट फंड सीएमपीएफ में जमा किया जाता है। सेवानिवृति के बाद उक्त राशि से कर्मियों को पेंशन का भुगतान किया जाता है। बताया जा रहा है कि पिछले लंबे समय से सेवानिवृत कर्मियों को निर्धारित वेतन के मुताबिक पेशन नहीं मिल रहा है। खास तौर पर वर्ष 2017 के बाद सेवानिवृत हुए अधिकारी- कर्मचारी इसका नुकसान झेल रहे हैं, क्योंकि कोयला कर्मचारियों का नवां वेतनमान जुलाई 2016 व अधिकारियों का नया वेतनमान जनवरी 2017 से लागू हुआ था। नए वेतनमान के अनुरूप पेंशन का निर्धारण किया जाना था, पर ऐसा नहीं हो सका। इससे सेवानिवृत कर्मियों को कम पेंशन मिल रहा है। सीएमपीएफ के समक्ष कई बार पत्राचार भी किया गया, लेकिन अभी तक समस्या का निदान नहीं हो सका। पेंशनर एसोसियेशन के संयोजक पीके सिंह राठौर का कहना है कि सेवानिवृत कर्मियों के पेंशन की छानबीन की जाती है तो कई मामले सामने आएंगे। सेवानिवृत कर्मी पत्राचार कर रहा है, पर सीएमपीएफ की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पेंशन में संशोधन व इस तरह की गड़बड़ी को दूर करने के लिए एसोसियेशन ने फरवरी माह में सीएमपीएफ कार्यालय के समक्ष आंदोलन किया था, तब आश्वस्त किया गया था कि सभी मामले निराकरण कर लिए जाएंगे, पर ऐसा नहीं हो सका।

पेंशन एसोसियेशन के संयोजक ने बताया कि रांची से वर्ष 2006 में सेवानिवृत हुए एच के चौधरी के पेंशन की गणना कर कम भुगतान किया जा रहा है। उनके द्वारा लगातार पत्राचार किया जा रहा है, पर दुर्भाग्य की बात है कि अभी तक इसका निराकरण नहीं हो सका। बुजूर्ग पेंशनर को अब आमरण अनशन का रास्ता अख्तियार करना पड़ रहा है और 16 अगस्त से आंदोलन की चेतावनी दी है। एसोसियेशन ने भी इस मसले पर पत्राचार किया, तब सीएमपीएफ ने वार्ता कर समस्या निदान करने की पहल की, पर अभी तक बैठक की तिथि स्पष्ट नहीं की गई है।

एसईसीएल समेत कोल इंडिया लिमिटेड की अन्य कंपनी से सेवानिवृत हुए लगभग पौने पांच लाख कर्मी पेंशनधारी हैं। इनमें अधिकारी भी शामिल है। नियमतः प्रत्येक तीन वर्ष में बैठक कर पेंशन में संशोधन किया जाना है, पर अभी तक बैठक नहीं की गई। इससे कर्मियों को बढ़ी पेंशन राशि भी नहीं मिल पा रही है। एसोसियेशन का कहना है कि स्थिति यह है कि कई कर्मियों को एक हजार से भी पेंशन मिल रही है। इससे परिवार का गुजारा किस तरह चल रहा होगा, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

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