सामुदायिक खेती में जिला प्रशासन करेगा सहयोग, बढ़ेगी किसानों की आयः कलेक्टर श्रीमती रानू साहू

महिला समूहों द्वारा उत्पादित सामानों की होगी मार्केटिंग, मिलेगा बेहतर बाजार

कोरबा 9 जुलाई। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने जिले के किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए रूपरेखा तय कर ली है। कलेक्टोरेट सभा कक्ष में आयोजित समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने जिला स्तरीय अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। कलेक्टर श्रीमती साहू ने कहा कि सामुदायिक खेती करने से अधिक संख्या में किसानों को मुनाफा होगा। सामुदायिक खेती में हाइब्रिड किस्म के बीजों का उपयोग करने से फसल उत्पादन बढ़ेगा जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। कलेक्टर ने जिले के किसानों को सामुदायिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने और विकासखण्डवार खेती के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक और बैठक में मौजूद सभी जनपद सीईओ को दिए। कलेक्टर ने कहा कि सामुदायिक खेती के लिए सभी विकासखण्डों में 15 से 20 एकड़ के कम से कम पांच जगहों का चिन्हांकन किया जाए। किसानों को सामुदायिक खेती करने के लिए बिना ब्याज के धनराशि जिला प्रशासन द्वारा प्रदान किया जाएगा। फसल से संबंधित तकनीकी जानकारी और फसल चयन के लिए उद्यानिकी विभाग मदद करेगा। ऐसे सामुदायिक खेती में हाइब्रिड फसल ली जाएगी जिससे अधिक उत्पादन होगा। कलेक्टर ने सामुदायिक खेती के लिए आठ से दस किसानों के निजी जमीनों का चिन्हांकन कर उन्हें सामुदायिक रूप से खेती करने के लिए तैयार करने के भी निर्देश दिए। समय सीमा की बैठक में नगर निगम के आयुक्त श्री कुलदीप शर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्री आशीष देवांगन, संयुक्त कलेक्टर एवं जिला परिवहन अधिकारी श्री विजेन्द्र पाटले, एसडीएम कोरबा श्री सुनील नायक, एसडीएम पोड़ी-उपरोड़ा श्री संजय मरकाम,, डिप्टी कलेक्टर श्री भरोसा राम ठाकुर, डीईओ, डीपीओ सहित जिला स्तरीय अधिकारीगण मौजूद रहे।

समय सीमा की बैठक में कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने जिले के महिला स्व सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामानों की बिक्री के लिए बेहतर बाजार और मार्केटिंग उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने महिला समूहों द्वारा बनाए गए दोना-पत्तल, अगरबत्ती, साबुन, गोबर गमले, बांस के सामान, झाडु, दीया-बाती जैसे सामानों को शहर, कस्बे एवं बिहान की दुकानों में बेचने के लिए मार्केटिंग उपलब्ध कराने के निर्देश आजीविका मिशन के अधिकारी को दिए। मार्केटिंग हो जाने से महिला समूहों द्वारा बनाए जा रहे सामानों की शत-प्रतिशत बिक्री हो सकेगी जिससे समूह में जुड़े ग्रामीण महिलाओं की आय में भी वृद्धि होगी। कलेक्टर ने स्वसहायता समूह की महिलाओं को बेहतर स्व रोजगार दिलाने के उद्देश्य से ढाबा संचालन, कैटरिंग के व्यवसाय, कालीन निर्माण एवं बुनकर महिलाओं को स्थानीय किस्म के साड़ियों के अलावा भारत की विभिन्न किस्मों की साड़ी बनाने के काम में लगाने के लिए भी निर्देशित किया।

गांव में लगेंगे स्वास्थ्य शिविर, लोगों को मिलेगा ईलाज – समय सीमा की बैठक में कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने जिले के ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश सभी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की मौजूदगी में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा। स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से लोगों को अपने गांव में ही स्वास्थ्यगत परेशानियों का समाधान मिल सकेगा। शिविर में हड्डी रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ एवं महिला रोग विशेषज्ञ जैसे चिकित्सक मौजूद रहेंगे। कलेक्टर ने कहा कि वर्तमान में स्कूल संचालन बंद हैं, जिससे स्वास्थ्य शिविर का आयोजन स्कूल भवनों में किया जा सकता है। कलेक्टर ने स्वास्थ्य शिविर के लिए गांव और जगहों का चिन्हांकन विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी के साथ समन्वय करके कार्ययोजना बनाने के लिए सभी जनपद सीईओ को निर्देशित किया।

गौठानों के चारागाहों में लगेंगे हाइब्रिड नेपियर घास – समय सीमा की बैठक के दौरान कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने कृषि विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने गांवों में विकसित किए गए गौठानों के चारागाह क्षेत्रों में हाइब्रिड नेपियर घास लगाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने पानी और फेंसिंग की सुविधा वाले लगभग 88 गौठानों में नेपियर घास लगाने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश बैठक में मौजूद कृषि और पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दिए। इस दौरान कलेक्टर ने अपूर्ण और अक्रिय गौठानों की भी जानकारी ली। कलेक्टर ने जिले के सभी गौठानों को सक्रिय करने और गौठानों में गोबर खरीदी के अलावा दोना-पत्तल निर्माण, अगरबत्ती, मुर्गी पालन, मछली पालन जैसी गतिविधियों में महिला समूहों को लगाकर स्वरोजगार से जोड़ने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण को तेज करने और बनाए गए वर्मी खाद की बिक्री करने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने शत-प्रतिशत वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन वाले गौठानों की संख्या बढ़ाने और वर्मी कम्पोस्ट को वन विभाग, रेशम विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग सहित जरूरतमंद किसानों बेचने के भी निर्देश बैठक में मौजूद अधिकारियों को दिए।

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