प्रबंधन और भू-विस्थापितों की वार्ता विफल, सप्ताह भर में मांगे पूरा नहीं होने पर होगी खदान बंद

कोरबा 10 जून। दीपका खदान प्रबंधन व भू- विस्थापितों की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल नहीं सका। प्रबंधन ने केवल स्थानीय स्तर की एक मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया। कोयला खदान में आवंटित किए जाने वाले ठेके में 20 फ़ीसदी काम दिए जाने समेत कोई ऐसी मांगे रही जिसे कंपनी मुख्यालय स्तर की होने की बात कह प्रस्ताव भेजने कहा गया। भू-विस्थापितों ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर समस्या वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या निदान नहीं किया गया, तो खदान अनिश्चितकाल के लिए बंद करा दी जाएगी।

साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएलद्ध की दीपका परियोजना के प्रभावितों ने मंगलवार को खदान बंद करा दिया था। सात घंटे तक चले आंदोलन के बाद जिला प्रशासन की ओर से उपस्थित तहसीलदार शशिभूषण सोनी व पंचराम सलामे ने मध्यस्थता कर आंदोलनकारियों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्या का निराकरण बैठक में किया जाएगा। इसके लिए बुधवार की शाम पांच बजे का समय निर्धारित किया गया था। भू-विस्थापित निर्धारित समय पर दीपका महाप्रबंधक कार्यालय पहुंच गए, पर जिला प्रशासन की ओर से कोई अधिकारी नहीं आया। प्रबंधन व भू- विस्थापितों के मध्य द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस दौरान प्रबंधन ने मांग पत्र देख कर कहा कि पुनर्वास, बसाहट व गांव में सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग स्थानीय स्तर पर पूरी की जा सकती है और प्रबंधन इसके लिए लगातार प्रयासरत है। शेष मांगों पर कंपनी मुख्यालय स्तर पर ही निर्णय लिया जा सकता है। इसलिए प्रस्ताव तैयार एसईसीएल मुख्यालय भेज दिया जाएगा। इस पर उर्जाधानी भू-विस्थापित कल्याण समिति के सदस्यों ने कहा कि कंपनी स्तर की मांग पूरी करने के लिए सीएमडी स्तर के अधिकारी को वार्ता के लिए बुलाया जाए। सभी 15 मांगो को पूरा नहीं किया जाता है तो एक सप्ताह के बाद दीपका खदान को पूरी तरह बंद करा दिया जाएगा।

प्रबंधन ने कहा कि मुख्यालय स्तर पर चर्चा कर अवगत कराया जाएगा और कोशिश होगी कि सभी समस्या का निराकरण जल्द कराया जाए। बैठक में प्रबंधन की ओर से महाप्रबंधक रंजन पी शाह, शशांक देवांगन, भू-विस्थापितों की ओर से श्यामू जायसवाल, गजेंद्र सिंह ठाकुर, ललित महिलांगे, रविंद्र जगत, प्रकाश कोर्राम, संतोष दास महंत, विजय पाल सिंह, दशरथ धीवर, दीपक, श्याम मुकेश यादव, कुलदीप सिंह राठौर, रामाधार यादव व बसंत चंद्राकर उपस्थित थे।

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