परीक्षा लिये बिना सीबीएसई घोषित करेगा नतीजे, बोर्ड से रिजल्ट का फार्मूला स्पष्ट नहीं
कोरबा 4 जून। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द होने से जिले के 1800 छात्र-छात्राओं के साथ उनके पालकों को तनाव से राहत मिल गई है, लेकिन अब उनके सामने नई चिंता बनने लगी है। दूसरी चिंता यह है कि बोर्ड रिजल्ट के लिए क्या मापदंड अपनाएगा। उसमें वे खरे उतरेंगे या नहीं। जो रिजल्ट आएगा, उससे आगे कक्षाओं में प्रवेश के लिए कोई असुविधा तो नहीं होगी, क्योंकि यहां से बच्चों को अपना कॅरियर चुनना होता है। इस तरह की तमाम परेशानी अभिभावकों को सताने लगी हंै। जिले के सीबीएसई से संबद्ध निजी व शासकीय स्कूलों के 12वीं कक्षा में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को अब परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी। यह तय हो गया है। अब छात्रों के रिजल्ट सुनाया जाएगा, लेकिन रिजल्ट का फार्मूला क्या होगा, अभी बोर्ड से स्पष्ट नहीं किया गया है।
इस संबंध में आईपीएस के प्राचार्य संजय गुप्ता ने बताया कि 12वीं के छात्रों का रिजल्ट 10वीं की तरह ही जारी हो सकता है। बोर्ड के सूत्रों की मानें तो परिणाम 12वीं कक्षा में ऑनलाइन अध्ययन के दौरान इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर या फिर कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं के रिजल्ट के बेस के आधार पर तैयार किया जा सकता है। 10वीं की तरह ही अगर 12वीं में जारी हुए रिजल्ट से अगर कोई छात्र या छात्रा असंतुष्ट हैं तो वे परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। कोविड महामारी की स्थिति सामान्य होने पर ऐसे छात्रों की परीक्षा बोर्ड आयोजित करेगा। इसमें वे अपना परिणाम सुधार सकेंगे। स्थानीय कॉलेजों में सीबीएसई 12वीं के उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को उन्हें मिले अंक के प्रतिशत के आधार पर एडमिशन मिलेगा। बोर्ड द्वारा रिजल्ट में मार्क्स मिलेंगे, इससे असुविधा नहीं होगी, लेकिन जो छात्र किसी बड़े कॉलेज में प्रवेश लेना चाहेंगे, तो उन्हें प्रवेश परीक्षा से गुजरना होगा। कक्षा 9वीं, 10वीं व 11वीं के रिजल्ट को अगर बेस बनाया तो उन छात्रों को निराश होना पड़ेगा, जिनका रिजल्ट खराब रहा होगा। इसलिए वे 12वीं में अच्छी मेहनत कर अपना परिणाम सुधारना चाहते थे। पहले की कक्षाओं के रिजल्ट के आधार पर ही परिणाम बनाए जाएंगे।