वैज्ञानिकों और इनोवेटर ने हमेशा चुनौती को कम करने के लिए किया काम : पी एम मोदी

नईदिल्ली 11 मई। कोरोना काल में देश में आवश्यक चीजों की निर्बाध आपूर्ति कोने-कोने तक होती रही, तो कई क्‍नोलॉजी एक्‍सपर्ट ने एक से बढ़कर एक ऐसी नायाब चीजें बना डाली, जो भारत में पहले कभी नहीं बनीं। ये सब संभव हुआ है विज्ञान और प्रौद्योगिकी की वजह से। कोरोना काल में भी सीमित संसाधनों के बल पर कुछ लोग ऐसे हैं, जो घर पर नहीं बैठे, बल्कि कुछ ही समय में देश के लिए पीपीई किट, वेंटिलेटर और एन-95 मास्क, यूवी डिसइंफेक्टर, वैक्सीन इत्यादि बना डाले, जो कभी हम विदेशों से आयात करते थे।

दरअसल, देश में 11 मई को हर साल “राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस” मनाया जाता है। 1998 में आज ही के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने सफल परमाणु परीक्षण किया था। “राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस” उसी परमाणु परीक्षण की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है।

“वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और दृढ़ता को सलाम”

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस-2021 की थीम “सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी” है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर ट्वीट कर कहा, “राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर, हम अपने वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और दृढ़ता को सलाम करते हैं। हम गर्व के साथ 1998 के पोखरण परीक्षण को याद करते हैं, जिसने भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी कौशल का प्रदर्शन किया।”

“वैज्ञानिकों और इनोवेटर ने चुनौती को कम करने के लिए किया काम”

पीएम मोदी ने कोविड-19 के बीच भारतीय वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत की भी सराहना की। उन्होंने कहा, ”किसी भी चुनौतीपूर्ण स्थिति में, हमारे वैज्ञानिक और नवप्रवर्तन कर्ता (इनोवेटर) हमेशा इस अवसर पर पहुंचे और चुनौती को कम करने के लिए काम किया। पिछले वर्ष के दौरान, उन्होंने कोविड-19 से लड़ने के लिए औद्योगिक रूप से काम किया है। मैं उनकी भावना और उल्लेखनीय उत्साह की सराहना करता हूं।

इससे पहले पीएम मोदी ने ‘राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस’ पर पोखरण परमाणु परीक्षण की असाधारण उपलब्धि के लिए देश के वैज्ञानिकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हम गर्व के साथ 1998 के पोखरण परीक्षण को याद करते हैं।

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