योग, आयुर्वेद, सरकारी गाइड-लाइन का पालन करना ही कोरोना पर जीत का है – मूलमंत्र

बिलासपुर 1 मई। अटल बिहारी विश्वविद्यालय में कोविड पैडेमिक की रोकथाम में विश्वविद्यालय की भूमिका पर वेबिनार सत्र का आयोजन किया गया। शुक्रवार को इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यपाल अनुसुइया उइके थीं।

उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद व सरकार द्वारा जारी गाइड-लाइन का पालन करना ही कोरोना संक्रमण पर जीत का मूलमंत्र है। कार्यक्रम के जरिए की गई विश्वविद्यालय की इस पहल की सराहना भी की। गढ़बो नवा विश्वविद्यालय की अनूठी पहल को आगे बढ़ाते हुए आनलाइन एडमिशन व डिग्री प्रदान कर शिक्षा को बढ़ावा देने की बात भी कही।

कार्यक्रम शुरुआत में कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने महामारी के इस संकटकाल में विश्वविद्यालयों की सहायता व भूमिका को स्पष्ट किया। कुछ विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को टीकाकरण केंद्र बनाने और स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर टीकाकरण की गति को तेज करने पर बल दिया।

इसके लिए विश्वविद्यालयीन हाई पावर कमेटी गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य होगा कि ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण हो और लोग स्वस्थ हो सकें। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कुलपति व कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. नागेश्वर राव ने कहा कि कोरोना के शुरुआती दौर में लोगों में मुकाबला का उत्साह था। अब ऐसा नहीं है।

हमें उन्हें जगाने की आवश्यकता है और इसके लिए उन्होंने इस महामारी का डटकर मुकाबला करने पर बल दिया। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केशरी लाल वर्मा ने युवाओं को संसार की सबसे बड़ी शक्ति बताया। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति की मदद से यदि लोगों को जागरूक किया जाए तो इस बीमारी से जल्द ही निजात पाई जा सकती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ओडिशा कोरापुट केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. पीवी कृष्ण भट्ट ने बताया कि यह महामारी सभी के सहयोग से दूर होगी। पक्ष व विपक्ष के सभी लोगों को मिलकर काम करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन शारीरिक शिक्षा विभाग के सौमित्र तिवारी व श्रीया साहू ने किया।

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