पुलिस ने जमकर ली रात में सैर कर रहे एक दर्जन लोगों की क्लास
कोरबा 17 अप्रैल। एक ओर कोरोना संक्रमण के नए स्ट्रेन का संकट तेजी से बढ़ रहा है, तो दूसरी ओर उसे आमंत्रित करने वाले लापरवाह लोग बाज नहीं आ रहे। रात के वक्त लाकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते एक दर्जन लोगों को पुलिस ने पकड़ा, जो डिनर के बाद सड़क पर सैर करने निकल गए थे। पुलिस ने उनकी जमकर क्लास ली और कान पकड़कर उठक-बैठक कराया।
देश-प्रदेश समेत कोरबा में भी कोरोना के नए स्ट्रेस के असर से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। संक्रमित मरीजों के साथ महामारी की चपेट में आने से हो रही मौतों का ग्राफ भी बढ़ते क्रम है। कोरोना पर काबू पाने के लिए लाकडाउन में सख्त नियमों को लागू किया गया है। शहर में कानून व्यवस्था कायम रखने के साथ कोई लाकडाउन के नियमों का उल्लंघन न करे, यह जिम्मेदारी हर हाल में निभाने पुलिस महकमा मुुस्तैदी से सड़क पर तैनात है। पुलिस अधिकारी लगातार आम लोगों से बेवजह घर से बाहर नही आने की गुजारिश कर रहे हैं। बावजूद इसके कुछ लोग ऐसे भी है कि मानने का नाम नहीं ले रहे है। तैनात पुलिस कर्मी सुबह से ही सड़क पर निकलने वाले लोगों से घर में रहने की समझाइश देते नजर आए। इसके बाद भी लोग परिवार के साथ व दोस्तों के साथ लगातार लाकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। कुछ ऐसे ही लोगों को कोतवाली थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा व उनकी टीम ने रात को पावर हाउस रोड में तफरी करते वक्त रोका। उन्हें कड़ी फटकार लगाई गई और सड़क पर कान पकड़कर उठक-बैठक भी कराया गया। उन्हें हर हाल में घर के भीतर रहने की समझाइश दी गई। कोरोना संक्रमित मरीजों के आकड़ों के साथ ही मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसी भयावह स्थिति को देखने के बाद भी कुछ लोग समझने को तैयार नहीं। लिहाजा ऐसे बेपरवाह लोगों के लिए सबक जरूरी हो जाता है।
जिले में शादी, ब्याह, पूजा-अनुष्ठान या घर से बाहर के किसी भी सार्वजनिक कार्य में प्रतिबंध लगा दिया है। पिछले साल के लाकडाउन में कम से कम सब्जी दुकानों को लेकर शासन-प्रशासन की ओर से कुछ घंटों की रियायत दी गई थी, पर इस बार कोरोना की लहर के व्यापक असर को देखते हुए इन सुविधाओं पर भी रोक लगाने विवश कर दिया है। लोगों के लिए भी नियमों का पालन हितकर होगा, ऐसी उम्मीद की जा रही है। पुलिस व प्रशासन की ओर से बार-बार लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि ऐसी ऐसी लापरवाही बंद कर घर में ही रहें तो बेहतर होगा। इस तरह खुले में घूमकर वे स्वयं के साथ दूसरों के लिए भी खतरे का कारण बन रहे हैं।