छत्तीसगढ़ में कोरोना: इस विस्फोटक हालात का जिम्मेदार कौन है? पूर्व CM का सवाल

रायपुर 3 अप्रेल। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कोरोना आउट ऑफ कंट्रोल होता जा रहा है। राजधानी रायपुर और दुर्ग जिले में स्थिति गंभीर है। हालात को देखते हुए दुर्ग में 6 से 14 अप्रैल तक टोटल लॉकडाउन लगा दिया गया है। बाकी जिलों में भी सीएम ने रिव्यू के आदेश दिए हैं। जैसे-जैसे संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। सूबे में सियासत भी गरमाती जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एक बार फिर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए सीएम भूपेश बघेल के असम दौरे पर सवाल उठाया और केंद्र से हस्तक्षेप की मांग भी की, जिसपर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पलटवार किया कि पीएम मोदी और शिवराज भी तो असम दौरे पर है। ऐसे में बीजेपी को आपत्ति करने का हक नहीं है।

छत्तीसगढ़ में बीते तीन दिनों के आंकड़े बताने के लिए काफी है कि हालात अब विस्फोटक हो गया है। कोरोना की नई लहर हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहा है। चाहे वो नए संक्रमित हो या फिर मौत के मामले। ढाई करोड़ की आबादी वाला छ्त्तीसगढ़ देश में करीब साढ़े 11 करोड़ की आबादी वाले महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर है। जैसे-जैसे संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही है, सियासत भी बढ़ता जा रहा है। विपक्ष ने बेकाबू कोरोना को मुद्दा बनाते हुए भूपेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर निशाना साधा है कि देश में 24 घंटे के अंदर कोरोना के मामलों में छत्तीसगढ़ दूसरे नंबर पर है लेकिन कांग्रेसी सरकार अभी भी लापरवाह है, इलाज के कोई प्रबंध नहीं है स्थिति बिगड़ती जा रही है, भूपेश बघेल को चुनाव प्रचार से फुर्सत नहीं है। ट्वीट के जरिए रमन सिंह ने प्रदेश में केंद्रीय हस्तक्षेप की मांग भी की है।

बीजेपी ने आरोपों की झड़ी लगाई तो, कांग्रेस ने भी करारा जवाब दिया। रमन के ट्वीट पर पलटवार करते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि अगर ऐसा है, तो मोदी जी और शिवराज सिंह चौहान सहित बीजेपी के हर उन नेताओं पर केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए जो असम और बंगाल में प्रचार कर रहे है।

सियासी आरोप-प्रत्यारोप एक तरफ, लेकिन जिस तरह से संक्रमण के आंकड़े बढ़ रहे हैं, अगर उसे हल्के में लिया गया तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। छत्तीसगढ़ में फिलहाल करीब 29 हजार एक्टिव केस हैं। राजधानी रायपुर और दुर्ग में सबसे ज्यादा हालात खराब हैं। संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। दुर्ग में 6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक यानी 9 दिन का टोटल लॉकडाउन लगा दिया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित जिलों के रिव्यू के बाद लॉकडाउन पर फैसला लें।

बहरहाल सवाल है कि प्रदेश में इस विस्फोटक हालात का जिम्मेदार कौन है? आखिर किसकी लापरवाही से बढ़े संक्रमण के मामले? क्या बढ़ते कोरोना को काबू में लाने का एकमात्र विकल्प लॉकडाउन ही है ? सवाल ये भी कि क्या दुर्ग के बाद रायपुर में भी लगेगा टोटल लॉकडाउन? जाहिर है सवाल कई है। इधर राज्य में कोरोना का नया वैरिएंट सामने आने के बाद लोगों इसे लेकर डर और संशय जरूर बढ़ गया है।

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