महाराष्ट्र में लॉकडाउन पर भी महा विकास अघाड़ी में फूट? एन सी पी ने लगाया अड़ंगा

मुम्बई से नरेन्द्र मेहता

मुम्बई 30 मार्च। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की वजह से स्थिति काफी गंभीर है। कोविड टास्क फोर्स ने कोरोना पर रोक लगाने के लिए लॉकडाउन की सिफारिश की है, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने तैयारी के निर्देश दिए हैं। हालांकि, उद्धव के इस आदेश पर सरकार का सहयोगी दल एनसीपी सहमत नहीं है। महाराष्ट्र में मंत्री और एनसीपी नेता ने लॉकडाउन के मामले में उद्धव ठाकरे से एक दम उलट राय दी है। उन्होंने कहा है कि हम लॉकडाउन अफॉर्ड नहीं कर सकते हैं।

एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री से अन्य विकल्पों पर विचार करने के लिए कहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से उन्होंने प्रशासन से लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लॉकडाउन अपरिहार्य है। अगर लोग नियमों का पालन करते हैं तो फिर इससे बचा भी जा सकता है।

दरअसल मुंबई, पुणे, नागपुर समेत कई शहरों में कोरोना पूरी तरह से बेकाबू हो चुका है। इसकी वजह से कई तरह की पाबंदियां भी लगाई गई हैं। औरंगाबाद और नागपुर में पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया जा चुका है। नागपुर में 31 मार्च तक लॉकडाउन चलेगा, जबकि औरंगाबाद में 30 मार्च से 8 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू रहेगा। लॉकडाउन के दौरान सिर्फ आवश्यक सेवाओं की इजाजत ही होगी। वहीं, पूरे राज्य में नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया गया है, जिस दौरान सिर्फ आवश्यक सेवाओं की ही अनुमति दी गई है.

महाराष्ट्र में सोमवार को कोरोना के नए मामलों में कुछ कमी आई है। एक दिन पहले 40 हजार से ज्यादा नए मामले मिलने के बाद राज्य में आज 31,643 मरीज मिले हैं। पिछले 24 घंटों में 102 लोगों की संक्रमण के चलते जान चली गई है। राज्य में कुल मामले बढ़कर 27,45,518 हो गए हैं। अभी तक 23,53,307 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 3,36,584 लोगों की जान जा चुकी हैं.

उल्लेखनीय हैं कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को ऐसी योजना तैयार करने के निर्देश दिए, जिससे अर्थव्यवस्था कम से कम प्रभावित हो। सीएम के साथ हुई बैठक में राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ प्रदीप व्यास ने कहा कि आने वाले दिनों में बिस्तरों की संख्या, ऑक्सीजन आपूर्ति और वेंटिलेटर पर भारी दबाव होगा और अगर मामलों की संख्या बढ़ती है तो इनकी कमी का सामना भी करना पड़ सकता है।

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