बस्तर में पुलिस ने निर्दोष ग्रामीणों को उतारा मौत के घाट… सदन में उठा मुद्दा..हुआ हंगामा

रायपुर। बस्तर में निर्दोष ग्रामीणो की हत्या का मामला एक बार फिर सदन में जोरदार तरीके से गूंजा। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के साथ पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा, सौरभ सिंह और नारायण चंदेल ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए स्थगन प्रस्ताव लाया और चर्चा की मांग रखी। विपक्षी दल के सदस्यों ने सदन में कहा कि निर्दोष ग्रामीणों पर पुलिस ने इस बात के लिए दबाव बनाया कि वे स्वयं को नक्सली स्वीकार करते हुए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दें, जिसका विरोध करने पर उनकी हत्या कर दी गई और उन्हें नक्सली बताते हुए एनकाउंटर की कहानी रची गई।

इस विषय को लेकर लाए गए स्थगन प्रस्ताव को यह भी कहा गया कि यह क्रम अब भी जारी है, जिससे बस्तर के ग्रामीण भूपेश सरकार के कार्यकाल में दहशतजदा हैं। लाए गए इस स्थगन प्रस्ताव को आसंदी ने खारिज कर दिया, जिससे नाराज होकर जनता कांग्रेस के विधायक देवव्रत सिंह ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सदस्यों ने भी उनका भरपूर साथ दिया, जिसके चलते विधानसभा की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

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