छत्तीसगढ़: सरकारी खरीदी पर 27 फरवरी से रोक

रायपुर 19 फरवरी। छत्तीसगढ़ में सरकारी अफसर अब केवल विभागीय बजट की राशि को खपाने के लिए नयी खरीदी नहीं कर पाएंगे। वित्त विभाग ने ऐसी खरीदी पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 27 फरवरी से लागू होगा। वित्त विभाग की बजट संचालक शारदा वर्मा ने सभी विभागाध्यक्षों, आयुक्तों और कलेक्टरों को पत्र भेजकर नये प्रतिबंधों की जानकारी भेज दिया है।

नये वित्तीय वर्ष का बजट आने से पहले सरकार गैर जरूरी खर्च में कटौती का अभियान शुरू कर चुकी है। पिछले वर्षों के खर्चों के अध्ययन से सामने आया है कि वित्त वर्ष के अंतिम महीनों में कई विभागों में खरीदी अचानक बढ़ जाती है। विभाग ऐसा भी सामान खरीद लेते हैं जिसका उस समय कोई उपयोग नहीं होता। ऐसा केवल विभागीय बजट में जारी हुई राशि को खर्च करने के लिए किया जाता है। इसकी वजह से बजट की यह राशि ब्लॉक हो जाती है। अब वित्त विभाग ने ऐसी सभी खरीददारी को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। 27 फरवरी के बाद अधिकारी ऐसी कोई खरीदी नहीं कर पाएंगे।

मार्च के पहले सप्ताह में राज्य सरकार का नया वार्षिक बजट आएगा। विधानसभा से पारित होने के बाद राज्यपाल की अनुमति मिलने और बजट का आवंटन होने तक अप्रेल का महीना बीत जाएगा। उसके बाद ही नये बजट से खरीदी हो सकेगी। अगर किसी विभाग को खरीदी की जरूरत महसूस होती है तो उसे अपनी जरूरत बताकर वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी। सरकार को उम्मीद है कि इस व्यवस्था से अनावश्यक खर्च को कम कर नये बजट में राशि को समायोजित कर लेगी। अब यह व्यवस्था कितनी कारगर होगी यह वक्त बताएगा।

इनपर लागू नहीं होगा प्रतिबंध

केंद्रीय योजनाओं, विदेशी सहायता से संचालित परियोजना, केंद्रीय वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिले अनुदान, नाबार्ड पोषित योजना के लिए खरीदी जाने वाली सामग्री।
लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी की चालू परियोजनाओं में अगले एक महीने के लिए संभावित सामग्री।
जेलों, अस्पतालों, छात्रावासों और आश्रमों में भोजन, कपड़ा, दवा और दूसरी जरूरतों के लिए होने वाली खरीदी।
आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए खरीदा जाने वाला पोषण आहार, खाद्यान्न की खरीदी और परिवहन।
डिस्टिलरीज से देशी शराब की खरीदी।
पेट्रोल, डीजल और गाड़ियों की मरम्मत के लिए की गई खरीदी।
पांच हजार रुपए तक स्टेशनरी की खरीदी।
पांच हजार रुपए तक की दूसरी खरीदी।

Spread the word