कोरोना काल में शिक्षकों को प्रोत्साहित करने में लक्ष्य वेध समूह की महत्वपूर्ण भूमिका… नए-नए आईडिया इसी समूह से मिले, बच्चों की पढ़ाई लगातार रही जारी
कोरबा 12 फरवरी 2021. कोरोना जैसी भीषण महामारी के दौरान भी कोरबा जिले में स्कूली विद्यार्थियों की पढ़ाई लगातार जारी रही। बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ शिक्षकों की सक्रियता और बच्चों को पढ़ाने के लिए नए-नए तरीकों का ज्ञान भी शिक्षकों ने स्वयं ही खोजा। बच्चों को कोरोना काल में पढ़ाई से जोड़े रखने के तरीके खोजने में शिक्षकों द्वारा बनाया गया व्हाॅट्स एप्प ग्रुप लक्ष्य वेध बहुत महत्वपूर्ण रहा। इस गु्रप से कोरबा के ही नहीं बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों के शिक्षक भी जुड़े और बच्चों को पढ़ाने के अपने तरीकों और आईडिया को साझा किया। कोरबा जिले में कोरोना काल के विषम परिस्थितियों में शिक्षा की अलख जलाए रखने के लिए श्रद्धा शर्मा सहायक शिक्षक प्राथमिक शाला मुढ़ाली ने ऑनलाइन क्लास लेना प्रारंभ किया। किंतु गांव में तकनीकी ज्ञान की कमी एवं एंड्राइड मोबाइल ना होने के कारण उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली। कोरोना काल में स्वयं के तीन साल के छोटे बच्चे के साथ मोहल्ला क्लास लेने में भी सक्षम नहीं हो पा रही थी। इसका समाधान उन्होंने जनरल काॅन्फ्रंेस कॉल एवम् व्हाट्स एप के माध्यम से निकला एवं इन तकनीकों से शिक्षण कार्य प्रारंभ रखने का प्रयास किया ।
शिक्षक सारथी गणेशी बाई ने बच्चो को पढ़ाई-लिखाई से जोड़े रखने में अपनी विशेष भूमिका निभाई। दीवाली-दशहरा के समय खेती बाड़ी का काम बढ़ जाने के कारण जब ज्यादा बच्चे कॉन्फ्रेंस कॉल में भी नहीं जुड़ रहे थे। तब श्रद्धा शर्मा ने लक्ष्य वेध का प्रशिक्षण लिया एवं डीआरजे के रूप में प्रशिक्षण भी दिया। व्हाट्सएप के माध्यम से एक गतिविधि ग्रुप बनाकर प्रति दिन शिक्षकों को छोटी-छोटी चुनौतियां दी जाती थी और उन्हें शिक्षण कार्य में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाता था। जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पाण्डेय के मार्गदर्शन में श्रद्धा शर्मा ने कोरबा जिले में भी लक्ष्य वेध टीम का निर्माण किया। इस ग्रुप में वर्तमान में पूरे कोरबा जिले से लगभग 50 शिक्षक जुड़े हुए हैं। जिसमें से 15 से 20 शिक्षक लगातार सक्रिय होकर कार्य कर रहे हैं। इस ग्रुप का उद्देश्य अधिक से अधिक शिक्षक साथियों को अपने कार्य एवं कर्तव्य के प्रति जागृत करना एवं सक्रिय होकर सहभागिता निभाने हेतु प्रोत्साहित करना है। लक्ष्य वेध के इस ग्रुप से जुड़ने के बाद सभी शिक्षक अब मोहल्ला क्लास में जाकर नवीन गतिविधि एवं नवाचार का उपयोग करते हुए बच्चों के मिनिमम लर्निंग लेवल को प्राप्त करने में निरंतर प्रयासरत है।