अंतर्राज्यीय एटीएम कार्ड क्लोन गिरोह का मास्टर माइंड सहित चार गिरफ्तार
न्यूज एक्शन। देश सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में एटीएम स्कैनिंग, क्लोनिंग कर वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह के मास्टर माइंड सहित चार ठगराजों को पकडऩे में कोरबा पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता मिली है। पुलिस ने आरोपियों के पास से विभिन्न कंपनियों के 6 मोबाइल, विभिन्न बैंकों के 27 एटीएम कार्ड, स्वीफ्ट कार, एक लैपटाप, एटीएम कार्ड राइटर डिवाइस, दो नग रीडर डिवाइस, दो नग डाटा केबल, प्लास्टिक के क्लोनिंग एटीएम कार्ड व 92500 रुपए जब्त किया गया है।
मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह मीणा ने बताया कि विगत 16 अक्टूबर 2018 को कोतवाली थाना अंतर्गत पुरानी बस्ती में निवासरत गिरजा तिवारी पति चाणक्य तिवारी 45 वर्ष के स्टेट बैंक खाते से एटीएम के माध्यम से एक लाख 20 हजार रुपए आहरण कर लिया गया है। जबकि एटीएम कार्ड प्रार्थिया के पास ही था। जिस पर कोतवाली पुलिस ने धारा 420, एवं आईटी एक्ट की धारा 66सीडी के तहत अपराध दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की। पुलिस के आला अफसरों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर सेल को मामले की तफ्तीश की जिम्मेदारी दी। जांच में पता चला कि एटीएम क्लोनिंग के जरिए महिला के कार्ड का डुप्लीकेट एटीएम तैयार कर रकम उत्तर प्रदेश के कई एटीएम से निकाले गए हैं। एटीएम के सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने निकलवाए। उक्त फुटेज को सोशल साइट्स में जारी किया गया। प्रार्थिया से पूछताछ में पता चला था कि उसके रकम निकालते समय दो संदेही उसके पास थे। जिनके संबंध में भी पुलिस ने सुराग जुटाया था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जो जानकारी प्राप्त हुई थी। उससे वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया था। वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी पड़ोसी जिला जांजगीर-चांपा में रात रूके थे। इस आधार पर होटल, ढाबा व धर्मशाला की जांच की गई। जहां पता चला कि आरके पूरम दिल्ली निवासी विनय कुमार अपने तीन साथियों के साथ चांपा के माधव लॉज में रूका हुआ था। होटल मैनेजर को संदेहियों का फोटो दिखाया गया। मैनेजर ने चारों व्यक्तियों की पहचान कर ली। उसने यह भी बताया था कि स्वीफ्ट कार दिल्ली पासिंग का व सफेद रंग की है। इसी बीच विगत 6 जनवरी को कोतवाली पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि सरगुजा से चार व्यक्ति दिल्ली पासिंग नंबर की स्वीफ्ट कार से कोरबा जिला की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं जो सरगुजा के एसबीआई एटीएम में ग्राहकों को एटीएम से पैसा निकालने मदद का झांसा दे रहे थे। इस आधार पर पुलिस की 6 सदस्यीय टीम बनाकर कटघोरा-सरगुजा मार्ग पर रवाना किया गया। कटघोरा से आगे तीन अलग-अलग टीम को एक-एक किलोमीटर में तैनात किया गया था। पुलिस टीम को पोड़ी उपरोड़ा की ओर से एक सफेद रंग की कार आती हुई नजर आई। जिसे तत्काल मार्ग पर ट्रकों को खड़ा कर रोकवाया गया। पुलिस को देखकर कार सवार जंगल की ओर भागने लगे। जिन्हें पुलिस ने दौड़ाकर पकड़ा। उनके पास से नगदी व एटीएम कार्ड सहित कई संदेहास्पद वस्तुएं मिली। पकड़े गए आरोपियों में बिहार के गया जिला अंतर्गत पकरी फतेहपुर निवासी विनय कुमार भुमियार पिता किशुन भारती 30 वर्ष, निवास कुमार पिता देवनंदन सिंह 31 वर्ष, संदीप सिंह भूमियार पिता विजय सिंह भुमियार 31 वर्ष एवं संतोष कुमार सिंह पिता लालो सिंह 35 वर्ष बगोदर जिला नवादा बिहार शामिल है। पकड़े गए आरोपियों से ठगी में प्रयुक्त सामानों के साथ नगदी रकम को जब्त किया गया है।
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बिहार से महाराष्ट्र तक की ठगी
पकड़े गए आरोपियों ने कोरबा के अलावा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान व पंजाब सहित आदि राज्यों में घूम-घूमकर एटीएम सेंटर में पैसा निकाले मं मदद करने के बहाने कार्ड रीडर से क्लोन तैयार कर लेते थे। जिसे रास्ते में ही बैठे-बैठे एटीएम क्लोनिंग तैयार कर बिहार व पटना के रास्ते में ही स्थित एटीएम बूथों से रकम निकाल लेते थे।
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मास्टर माइंड चढ़ चुका है कटघोरा पुलिस के हत्थे
अभिरक्षा में लिए गए निवास कुमार को गैंग का मास्टर माइंड बताया जा रहा है। ढाई साल पहले एटीएम कार्ड बदलकर अपने गैंग के साथ मिलकर ठगी करता था। इस प्रकार की ठगी करते हुए कटघोरा एसबीआई एटीएम बूथ से एटीएम कार्ड के बदली करते हुए पकड़ा गया था। जो जेल से छूटने के बाद 6 माह से एटीएम क्लोनिंग कर एक अलग गिरोह बनाकर ठगी कर रहा था।
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पुरूस्कृत होंगे टीम के सदस्य
पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह मीणा के निर्देश एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयप्रकाश बढ़ई एवं सीएसपी कोरबा मयंक तिवारी के मार्गदर्शन पर कोतवाली निरीक्षक रघुनंदन प्रसाद शर्मा एवं सहायक उप निरीक्षक परमेश्वर राठौर के नेतृत्व में साइबर सेल के दुर्गेश राठौर, प्रधान आरक्षक चक्रधर सिंह राठौर, आरक्षक गुनाराम सिन्हा, प्रशंात सिंह, वीरकेश्वर प्रताप सिंह, रवि कुमार चौबे, डेमन ओबरे, महिला आरक्षक रेणु टोप्पो को टीम में शामिल कर आरोपियों को पकडऩे की जिम्मेदारी दी गई थी। मामले में आरोपियों को पकड़े जाने के बाद पुलिस अधीक्षक श्री मीणा ने विवेचना में गठित टीम के सभी सदस्यों को पुरूस्कृत करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि बिलासपुर आईजी द्वारा भी इस टीम की सराहना भी की गई।
बिना गार्ड वाले एटीएम बूथ होंगे बंद
मामले का खुलासा करने के उपरांत पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह मीणा ने कहा कि जिले में बिना गार्ड वाले कई एटीएम बूथ संचालित हैं। जिन एटीएम बूथों में सुरक्षा गार्ड की तैनाती नहीं होती थी उन्हीं बूथों में अपराधी क्लोनिंग की वारदात को अंजाम देते थे। इसके अलावा एटीएम में तोडफ़ोड़ व लूटपाट की संभावना भी बनी रहती है। लिहाजा अब ऐसे आपराधिक वारदातों पर अंकुश लगाए जाने की मंशा से रात के समय बिना गार्ड वाले एटीएम बूथों को बंद रखा जाएगा।
तत्काल सूचना से बच गई रकम
काशीनगर निवासी रामावतार साहू के खाते से विगत 29 दिसंबर 2018 को 24 हजार 900 रुपए आहरित कर लिए गए थे। रकम आहरण का मोबाइल में मेसैज आते ही रामावतार तत्काल संबंधित बैंक शाखा पहुंचा। बैंक अधिकारियों को सूचना देने के साथ पुलिस को भी मामले से अवगत कराया। साइबर सेल ने तत्काल उसका बैंक खाता व एटीएम कार्ड लॉक कराया। जिससे उसके खाते से आहरित की गई 24 हजार 900 रुपए में 23 हजार 273 रुपए खाते में वापस हो गए। देर होती तो रामावतार भी बड़ी ठगी का शिकार हो सकता था।
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