कोरबा वन मण्डल में 202 अवैध पेड़ कटाई के प्रकरण बने

कोरबा 18 जनवरी। जिले में 2 लाख तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फैले कोरबा वन मंडल के जंगल का बेहतर ढंग से संरक्षण करना अपने आप में चुनौतीपूर्ण काम है। विभाग इसके लिए अपने स्तर पर काम कर रहा है। जंगल से होने वाले लाभ को लेकर लोगों को भी प्रेरित किया जा रहा है कि वे जंगल की रक्षा करने के प्रति अपने सरोकार दिखाएं।

कोरबा जिले में 719 से ज्यादा गांव मौजूद हैं, जिले का बड़ा हिस्सा जंगलों में विस्तारित है। दो वन मंडल की उपस्थिति से जिले की जलवायु काफी अच्छी बनी हुई है। अकेले वन मंडल कोरबा का दायरा दो लाख तीन हजार हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसके संरक्षण को लेकर सरकारी स्तर पर जतन हो रहे है विभाग चाहता है। लोग भी जंगलों को अपना समझे और संरक्षण की दिशा में ध्यान दें। वन क्षेत्र में अवैध कटाई के मामलों को लेकर बराबर नजर रखी जा रही है फिर भी यहां वहां ऐसे मामले प्रकाश में आ रहे हैं। डी एफ ओ गुरुनाथन एन बताते हैं कि अब तक कि स्थिति में हमने 202 अवैध कटाई के मामलों को दर्ज करने के साथ इसमें पेनल्टी की है। वन विभाग कुछ मामलों में वैध तरीके से भी जंगल के क्षेत्र में वृक्षों की कटाई करता है। इसे कूप कटाई का नाम दिया गया है। वन मंडल कोरबा 520 घन मीटर टारगेट पर काम करना है। इस पर एक तिहाई काम कर लिया गया है। जीव और वन के साथ मिलने से जीवन की कल्पना की गई है
या नहीं जीवन तभी रह सकता है जबकि वनों को अच्छी स्थिति में रखा जाए। यह काम तभी संभव हो सकता है जबकि वनों सुरक्षा के लिए आम लोग अपनी जिम्मेदारी निभाएं बहुत बड़े हिस्से को संरक्षित करने का काम सरकारी तंत्र अकेले नहीं कर सकता है। जब तक पुरानी धारणाओं बाहर नहीं निकला जाएगा तब तक अच्छे परिणाम की अपेक्षा बिल्कुल नहीं की जा सकती।

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