नगर निगम कोरबा के भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी की संविदा नियुक्ति:विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री से की निरस्त करने की मांग
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कोरबा 5 जनवरी। जिले के रामपुर क्षेत्र के विधायक और छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन देकर नगर पालिक निगम कोरबा के भ्रष्टचार के आरोपी लेखा अधिकारी पी आर मिश्रा की संविदा नियुक्ति को निरस्त करने की मांग की है।
उन्होंने ज्ञापन में लिखा है कि संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, बिलासपुर संभाग ने नवनीत राहुल शुक्ला, पत्रकार कोरबा की शिकायत पर तथा मुख्यमंत्री निवास के अनुमोदन पश्चात नगर पालिक निगम कोरबा के पूर्व मुख्य- लेखाधिकारी पी आर मिश्रा के विरुद्ध निविदाओं में भ्रष्टाचार कर अपने रिश्तेदार को नगर निगम कोरबा में ही ठेकेदारी कराने के आरोप में पत्र क्रमांक 335 के माध्यम से आयुक्त, नगर पालिक निगम कोरबा को जांच कर बिन्दुवार अभिमत प्रस्तुत करने आदेश दिया था, जिस पर कार्यवाही करते हुए आयुक्त नगर पालिक निगम कोरबा ने प्रकरण की जांच कर आरोपी अधिकारी पी आर मिश्रा को अपने रिश्तेदार को ठेकेदारी करवाने के आरोप में दोषी पाते हुए अपनी जांच रिपोर्ट क्रमांक/दर्री जोन/2020/4256 दिनॉंक 05.08.20 को संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को प्रस्तुत किया था।
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विधायक कंवर ने भ्रष्ट आचरण के आरोपी की संविदा नियुक्ति को दुःखद बताते हुए लिखा है कि भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी पाए जाने तथा निगम आयुक्त द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट में आरोप सिद्ध होने की पुष्टि करने के पश्चात भी आरोपी पी आर मिश्रा को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संविदा नियुक्ति प्रदान की गयी है। इतना ही नहीं पी आर मिश्रा को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नियमों के विरुद्ध जाते हुए समान पद व समान वेतनमान भी स्वीकृत किया गया है। इससे यह स्पष्ट है कि मंत्रालय में पदस्थ अधिकारियों द्वारा पी आर मिश्रा के साथ सांठगाँठ कर भ्रष्टाचार को उपकृत करने का कार्य किया गया है। चिंता का विषय तो यह है कि आरोपी अधिकारी की संविदा नियुक्ति के तार सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े हैं, ऐसी खबरें नगर निगम कोरबा में आम हो चली हैं।
पूर्व गृहमंत्री और विधायक ननकीराम कंवर ने लिखा है कि आरोपी पी आर मिश्रा का कार्यकाल शुरू से ही विवादों के घेरे में रहा है। नगर निगम कोरबा में अपने पद का दुरूपयोग करते हुए निविदाओ में भ्रष्टाचार से लेकर, ठेकेदारों से भुगतान के एवज में रिश्वत लेने के आरोप इन पर लगते रहें हैं। उन्होंने ज्ञापन में लिखा है कि अविभाजित मध्यप्रदेश के समय हुई इनकी पदस्थापना भी विवादित है जो खुद भी एक जांच का विषय है। वर्तमान प्रकरण में नगर निगम कोरबा में मुख्य-लेखाधिकारी के पद पर पदस्थ रहते हुए इनके द्वारा अनेकों वर्षों से अपने साले पंकज गौतम को नगर निगम कोरबा में ही ठेकेदारी कराई जा रही थी जो कि निविदाओं की एनआईटी की कंडिका 3.10 का स्पष्ट उल्लँघन है। इस सबके अतिरिक्त आरोपी पी आर मिश्रा पर अपने पद का दुरूपयोग करते हुए निगम कर्मचारियों की पदोन्नति में भी घोटाला कर, अपने करीबी लोगों को पदोन्नत कर उपकृत करने व हमारे छत्तीसगढ़िया मूल निवासी भाई बहनों के नियमितीकरण तथा पदोन्नति को लंबित रखने, उनसे सम्बंधित नस्तियों को गुम करके उनका हक़ मारने का अत्यंत गंभीर आरोप भी है।
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मुख्यमंत्री को सम्बोधित करते हुए उन्होंने लिखा है कि आप हमेशा ही कहते रहे हैं कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ियों की सरकार है। विधानसभा में भी आपने छाती ठोककर खुद को छत्तीसगढ़िया कहा था। परन्तु आपके सिरमौर रहते हुए हमारे अपने छत्तीसगढ़िया भाई बहनों का हक मारने वाले अधिकारी को, जिस पर भ्रष्टाचार के अनेक गंभीर आरोप है तथा जिसे मौजूदा प्रकरण में जांच अधिकारी द्वारा दोषी भी पाया गया है। मंत्रालय मे पदस्थ अधिकारियों द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से संविदा नियुक्ति प्रदान कर उपकृत किया गया है। यह अत्यंत दुर्भाग्य का विषय है।
उन्होंने आगे लिखा है कि इस पूरे प्रकरण से जहाँ सरकार की छवि धूमिल हुई है, वहीं नियम विरुद्ध संविदा नियुक्ति में मुख्यमंत्री कार्यालय का नाम आने से आपकी खुद की छवि तथा आपके “छत्तीसगढ़ियों की सरकार” होने के दावे पर भी धत्ता लग रहा है। अतः उपरोक्त प्रकरण में तत्काल कार्यवाही करते हुए भ्रष्टाचार के आरोपी पी आर मिश्रा की संविदा नियुक्ति निरस्त करने का कष्ट करें।