अमरीका में अध्ययन कर रहे सैकड़ों विदेशी छात्रों को सेल्फ-डिपोर्ट करने कहा गया, मच गया हडकम्प

वाशिंगटन, अमरीका में अध्ययन कर रहे सैकड़ों विदेशी छात्रों को अमरीकी विदेश मंत्रालय तरफ से एक ईमेल भेजकर उन्हें वीजा रद्द होने की जानकारी देते हुए खुद को डिपोर्ट (सेल्फ-डिपोर्ट) करने को कहा गया है। ईमेल में इसका कारण उनकी सोशल मीडिया गतिविधियां, कैंपस एक्टिविज्म को बताया गया है। गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन के इस हालिया कदम में सिर्फ उन छात्रों को ही निशाना नहीं बनाया जा रहा जो हमास के समर्थन में कैंपस एक्टिविज्म के दौरान खुद मौजूद थे, बल्कि इसमें उन छात्रों को भी शामिल किया गया है जो सोशल मीडिया पर इससे संबंधित किसी भी पोस्ट को शेयर, लाइक जैसी गतिविधि में शामिल थे।
इमिग्रेशन मामलों के वकीलों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन के इस कदम से निशाने पर कुछ भारतीय छात्र भी है। अमरीकी विदेश विभाग ने सोशल मीडिया के रिव्यू के बाद यह कदम उठाया है, जिसके आदेश हाल में के अमरीकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की ओर ‘कैच और रिवोक’ कदम के अंतर्गत जारी किए गए थे। इस कदम के बाद अमरीका में स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन करने वाले नए छात्र भी इस सोशल मीडिया की इस स्क्रूटनी के दायरे में सभी तीन श्रेणी एफ (स्टडी वीजा), एम (वोकेशनल स्टडी वीजा) या जे (एक्सचेंज वीज आवेदक) आ गए हैं।
एंटी नेशनल पोस्ट भी डिपोर्ट की वजह…
जिन लोगों के इस तरह ईमेल मिले हैं उनमें वो लोग भी शामिल हैं जिन्होंने कथित रूप से एंटी नेशनल सोशल मीडिया पोस्ट को शेयर किया या पसंद किया या टिप्पणी की हो। इसके बाद अमरीका में अभिव्यक्ति की आजादी पर बहस शुरू हो गई है। गौरतलब है कि 2023-24 अमरीका में करीब 15 लाख विदेश छात्र हैं, जिनमें करीब 3.31 लाख भारतीय हैं।
सेल्फ डिपोर्ट नहीं करने पर परिणाम भुगतने को चेताया
ईमेल में कहा गया है कि आपके वीजा जारी होने के बाद हाल में अतिरिक्त्त जानकारी उपलब्ध हुई है। परिणामस्वरूप, आपका एफ-1 वीजा रद्द कर दिया गया है। वीजा ऑफिस ने होमलैंड सिक्योरिटी के इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट विभाग को सतर्क कर दिया है, जो आपके कॉलेज-स्कूल को इसके बार में सूचित करेंगे। सेल्फ डिपोर्ट नहीं करने पर आपका निर्वासन ऐसे समय भी हो सकता है जब शायद आपको अपनी संपत्ति सुरक्षित करने या मामले निपटाने का अवसर न मिले।