ट्रंप की ओर से शुरू ट्रेड वॉर से भारत का रुपया मजबूत हुआ

नई दिल्ली. ट्रंप की ओर से शुरू ट्रेड वॉर से वैश्विक अर्थव्यवस्था व शेयर बाजारों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह संकट 2008 के वित्तीय संकट और कौविड महामारी के बाद सबसे बड़ी उथल-पुथल साबित हो सकती है। वैश्विक कंसल्टिंग फर्म डीवियर ग्रुप ने कहा, इससे अमरीका में महंगाई बढ़ेगी और फेडरल रिजर्व सख्त रुख अपना सकता है, जिससे अमरीकी शेयर बाजार में जल्द ही तेज गिरावट देखने को मिल सकती है। अमरीकी बाजारों में मंगलवार को 2% तक गिरावट आई थी।
हालांकि भारत पर 2 अप्रैल 2025 से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की ट्रंप की घोषणा से भारतीय शेयर बाजार पर असर नहीं हुआ। भारतीय बाजार में पुलबैंक रैली देखने को मिली। सेंसेक्स 740 अंक चढ़कर 73,730 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 1.15% की तेजी से 22,337 पर पहुंच गया। स्मॉल, माइक्रो और मिडकैप इंडेक्स में 3% की तेजी आई। ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंका से डॉलर-कूड में गिरावट आई। रुपया मजबूत हुआ। निचले स्तर पर हुई खरीदारी से बाजार को सपोर्ट मिला।
नई ‘जंग’ में भारत के लिए छिपा गोल्डन चांस
अगर भारत सही रणनीति अपनाए, तो अमरीका के साथ बेहतर ट्रेड डील हासिल कर सकता है। ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से कई देशों का एक्सपोर्ट अमरीका में महंगा हो जाएगा। ऐसे में भारत इस मौके को भुना ले और अमरीका से फेवरेबल डील कर ले तो भारतीय उत्पादों के लिए अमरीकी बाजार के दरवाजे खुल सकते हैं। साथ ही जिन देशों पर अमरीका ने टैरिफ लगा दिए हैं, उनकी जगह भारत के लिए नया बाजार खुल सकता है। – जयंत दासगुप्ता, भारत के पूर्व डब्ल्यूटीओ एंबेसडर
चीन से मेटल स्टॉक्स को दम
चीन की ओर से स्टील इंडस्ट्री की रि-स्ट्रक्चरिंग की घोषणा के बाद भारत की मेटल कंपनियों के शेयरों में बड़ा उछाल आया। निफ्टी मेटल इंडेक्स 4% चढ़ा। चीन के इस कदम से भारत में सस्ते इस्पात की डंपिंग में कमी आने की उम्मीद है, जो घरेलू इस्पात कंपनियों के लिए एक बड़ा सकारात्मक कदम होगा। इससे हिन्दुस्तान कॉपर और वेल्सपुन कॉर्प के शेयर 7% चढ़ गए।