भारत के चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप की जांच प्रारंभ

मोदी को सत्ता से हटाने की कोशिश का संदेह

नई दिल्ली। भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्धारित अमरीकी फंड रोके जाने के बाद से चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप का मामला गरमाता जा रहा है। अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड टंप के इस दावे के बाद कि राष्ट्रपति जो बाइडन किसी और की सरकार बनवांना चाहते थे, यह मुद्दा जोर पकड़ने लगा है। भारत सरकार ने शुक्रवार को कहा कि अमरीकी प्रशासन ने यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी), जिसे यूएस एड भी कहा जा रहा है, से संबंधित जो जानकारी दी है उसकी जांच संबंधित विभाग और एजेंसियां कर रही है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हमने यूएस एड की गतिविधियों और फंडिंग के बारे में दी गई जानकारी देखी है। ये स्पष्ट रूप से बहुत ही परेशान करने वाली है। इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंताएं पैदा हुई है।’ इस बीच, कांग्रेस के मीडिया व प्रचार विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा कि एक हफ्ते से एक कहानी चलाई जा रही है कि यूएस एड ने नरेंद्र मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए 2.10 करोड़ डॉलर दिए। इतनी सुरक्षा एजेंसियों के होते हुए भी मोदी सरकार ने भारत में 2.10 करोड़ डॉलर डॉलर आने दिए तो ये शर्म की बात है।

सार्वजनिक टिप्पणी जल्दबाजी होगी

संबंधित विभाग और एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। इस समय कोई सार्वजनिक टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। उम्मीद है कि हम बाद में इस पर कोई अपडेट दे पाएंगे।’

-रणधीर जायसवाल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता

यह तो शर्म की बात है

अगर मोदी सरकार ने भारत में 2.10 करोड डॉलर आने दिए तो ये शर्म की बात है।… जब स्मृति ईरानी यूएस सिलेंडर लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करती थीं, तो क्या वो प्रदर्शन यूएस एड करवा रहा था?’

– पवन खेड़ा, कांग्रेस प्रवक्ता

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