नगरीय निकाय चुनावः सिंहासन का उत्तराधिकारी तय करने उत्साहित नजर आए वोटर, पोलिंग बूथ में सुबह से भीड़

निगम क्षेत्र में 2 लाख 67 हजार 103 वोटर, संपूर्ण निकायों में 3 लाख 53 हजार से ज्यादा हैं निर्णायक वर्ग

कोरबा 11 फरवरी। अब से लेकर वर्ष 2029 तक नगरीय निकायों के सिंहासन का उत्तराधिकारी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी देने को लेकर शहरी क्षेत्र के वोटर आज उत्साहित नजर आए। उन्होंने अपने जनप्रतिनिधि का चुनाव करने के लिए निर्वाचन की प्रक्रिया में हिस्सा लिया। कोरबा सहित जिले के 6 निकायों में सुबह से मतदान करने को लेकर मतदाताओं की भीड़ नजर आई। कुछ स्थानों पर दोपहर तक छिटपुट घटनाएं भी हुई हैं। हालांकि समय रहते पुलिस बल ने मौके पर पहुंच नियंत्रण किया और संबंधितों को सबक सिखाया।

नगर निगम कोरबा क्षेत्र में महापौर पद के कुल 11 प्रत्याशी हैं। यहां पर मुख्य मुकाबला भाजपा की संजू देवी राजपूत और कांग्रेस की उषा तिवारी के बीच है। जबकि 9 अन्य प्रत्याशी टक्कर में हैं। निगम क्षेत्र में 2 लाख 67 हजार 103 पंजीकृत मतदाता हैं। 67 वार्ड में मतदान संपन्न कराने के लिए 297 मतदान केंद्र की व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गई है। वहीं नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा के 30 वार्ड में 47 मतदान केंद्र बनाए गए। 36 हजार मतदाताओं को यहां पर मतदान करना है। नगर पालिका दीपका के 21 वार्ड में 22 हजार से ज्यादा मतदाता पंजीकृत हैं। नगर पालिका कटघोरा, नगर पंचायत छुरीकला और पाली में 15 से अधिक मतदान केंद्र की व्यवस्था की गई है। जिले के संपूर्ण निकायों में 3 लाख 53 हजार से ज्यादा मतदाताओं को जिम्मेदारी मिली है कि वे अपने महापौर, अध्यक्ष और पार्षद को चुनें। निर्वाचन की प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए 2 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। इसके अलावा रिजर्व पोलिंग पार्टी भी बनाई गई है। कहीं भी आपातकालीन विकल्प में इनका उपयोग किया जाना है। सामान्य पोलिंग बूथ में दो पुलिस जवान और संवेदनशील व अतिसंवेदनशील केंद्र में अतिरिक्त सुरक्षा बल का प्रबंध स्थानीय निर्वाचन विभाग की ओर से किया गया है।

ईवीएम में कैद हुआ निर्णय
तमाम तरह की आशंका और विवादों के बावजूद सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से कराना तय किया। उक्तानुसार सभी निकायों में ईवीएम और कंट्रोल यूनिट के साथ पोलिंग पार्टी एक दिन पहले ही पहुंच गई थी। आज सुबह 7 बजे उन्होंने प्रत्याशियों के एजेंटों की उपस्थिति में ईवीएम को सील करने के बाद मॉकपोल किया और नियत समय पर वोटिंग प्रारंभ कराई। श्रेणीवार इनमें प्रत्याशियों के नाम और चुनाव चिन्ह वर्णित किए गए हैं। सभी निकाय में उम्मीदवार को दो बार वोट करने का विकल्प मतदाताओं को दिया गया। पोलिंग बूथ में कुल तीन बार ईवीएम की बीप की ध्वनि गूंजती रही।लंबी आवाज से इस बात की पुष्टि हुई कि संबंधित मतदाता ने अपना वोट कर दिया है।

कसनिया में बिगड़ी ईवीएम
मतदान के बीच कहीं कहीं ईवीएम के खराब होने की शिकायतें भी सामने आ रही है। नगर पालिका कटघोरा के वार्ड 15 के मतदान क्रमांक 21 प्राथमिक शाला कसनिया स्कूल के रुम नंबर 1 की मशीन में तकनीकी खराब आई जिससे आधा घंटे तक मतदान बाधित रहा। मशीन को बनाने के लिए इंजीनियर को मौके पर बुलाया गया,जिसके द्वारा मशीन को ठीक कर मतदान को फिर से शुरु करवाया गया। मशीन के खराब होने के कारण केंद्र के बाहर मतदाताओं की लंबी कतार लग गई। इस प्रकार की सूचनाएं कई और पोलिंग बूथ से प्राप्त हुई है।

वोटर लिस्ट के चक्कर में हुआ विवाद
नगर निगम कोरबा के वार्ड क्रमांक 20 और 19 में कुछ ऐसे मतदाता है जिनका दोनों जगह नाम है। पुरानी सूची के हिसाब से वोट डलवाए जा रहे थे जो विवाद का कारण बन गया। वार्ड क्रमांक 20 के भाजपा प्रत्याशी चंद्र लोक सिंह और नोडल अधिकारी के मध्य इसी बात को लेकर बहस हो गई। चंद्रलोक ने निर्वाचन के तौर-तरीके और नफा-नुकसान को लेकर अधिकारी को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उच्चाधिकारियों तक मामला पहुंचा जिसके बाद समाधान खोजने की कोशिश की गई।

एनसीसी कैडेट ने की सहायता
असहायत मतदाताओं को सहायता देने के लिए इस चुनाव में भी एनसीसी कैडेट को विभिन्न मतदान केंद्रों में जिम्मेदारी दी गई। इनमें ज्यादातर लेडी कैडेट शामिल थीं। उन्हें निर्देशित किया गया था कि 70 वर्ष से अधिक के ऐसे मतदाता जो मतदान केंद्र परिसर में आ तो रहे हैं लेकिन आगे जाने में समस्या हो रही है उन्हें सहायता देते हुए टेबल तक पहुंचाया जाए। कैडेट्स ने व्यवस्था को बनाने के लिए अपनी सेवाएं दी। उन्होंने बताया कि अनुशासन, परोपकार जैसी चीजें संगठन में सीखने को मिलती है और इसका अनुशरण यहां पर किया जा रहा है।

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