फ्लोरा मैक्स पीडिताओं से झूमाझटकी के बाद पुलिस ने हटाया मौके से, प्रदर्शन फिर शुरू
दोषियों पर हो एक्शन
कोरबा 11 जनवरी। वर्ष 2025 का शुरुआती दौर पुलिस के लिए कांटों भरा सफर साबित होता नजर आ रहा है। आदर्श विहार में सराफा कारोबारी की हत्या और लूट के मामले में नतीजों से दूर पुलिस के सामने बड़ी चुनौती फ्लोरा मैक्स की ठगी को लेकर बनी हुई है। बड़ी संख्या में महिलाएं कर्ज माफी को लेकर तानसेन चौराहे पर अनशन कर रहीं हैं। पिछली शाम पुलिस ने इन्हें हटाने की नाकाम कोशिश की और कुछ घंटे बाद फिर ऐसा ही सिलसिला दोहराया। इस दौरान दोनों के बीच झूमाझटकी हुई। कुछ महिलाओं को चोट आई। कांग्रेस ने इस मामले को महिलाओं के खिलाफ पुलिस का सख्ती प्रदर्शन कहा है।
कोरबा के सिविल लाइन पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत बालकोनगर रोड पर तानसेन चौराहा में फ्लोरा मैक्स पीडि़ताओं ने चार दिन से प्रदर्शन जारी रखा है। अलग-अलग आयाम से जोडकर महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का झांसा देकर फ्लोरा मैक्स ने उन्हें जोड़ा। दावा है कि 40 हजार से अधिक महिलाओं ने जोखिम लेते हुए उसके साथ नाता जोड़ा और जिले में काम कर रही अनेक माइक्रो फायनेंस कंपनियों की वे कर्जदार बन गईं। उन पर लाखों का कर्ज चढ़ गया है। जबकि फ्लोरा के संचालक और टॉप-10 लीडर्स सहित कई जेल की हवा खा रहे हैं। इसके साथ ही कर्जदारों से वसूली के लिए माइक्रो फायनेंस कंपनियां दबाव बनाए हुए हैं। इस बीच आत्महत्या की घटनाएं भी हुईं हैं। परेशान महिलाओं ने कर्ज माफी को लेकर सरकार पर दबाव बनाया है। उनका हालिया प्रदर्शन इसी पर केंद्रित है। चुनावी दौर में यह सरकार और प्रशासन दोनों के लिए संकट बना हुआ है। तानसेन चौराहे पर अनशन कर रहे महिलाओं को हटाने के लिए पिछली शाम पुलिस ने कोशिश की लेकिन उनके विरोध के आगे नाकाम रही। बाद में रणनीतिक रूप से रात्रि 10 बजे के आसपास सीमित बल के साथ पहुंची पुलिस ने यहां ताकत दिखाई। अचानक पुलिस के यहां पहुंचने से महिलाएं आक्रोशित हो गईं। खबर के अनुसार इस दौरान जमकर झूमाझटकी हुई। इसी समय 4-5 महिलाओं को यह कहकर एंबुलेंस में जबरजस्ती अस्पताल भेज दिया गया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है। इस मुद्दे को लेकर भी बवाल हुआ। परीक्षण के बाद डॉक्टर ने स्थिति नियंत्रण में बताई, जिस पर महिलाएं वापस प्रदर्शन स्थल पर पहुंच गईं। रात से उनका प्रदर्शन फिर शुरू हो गया है। पुरूष कर्मी ने हाथ मरोड़ा इस घटनाक्रम में जख्मी हुई एक महिला का आरोप है कि प्रदर्शन स्थल पर कार्रवाई के लिए गिनती की महिला पुलिस थी। इससे ज्यादा पुरूष कर्मी थी। उनमें से ही एक ने मेरा हाथ मरोड़ा जिससे चोट आई है।
रात को ही घटना में एक महिला ने नया खुलासा किया। उसने बताया कि टीआई स्तर का एक अधिकारी यहां पहुंचा थ। उसके द्वारा कहा गया कि अगर हमारे किसी कर्मी को चोट आई तो सबको जेल में ठूस दूंगा। फ्लोरा मैक्स के चक्कर में पडकर जिले की हजारों महिलाओं को आर्थिक नुकसान हुआ है। उन पर मानसिक संकट भी आ खड़ा हुआ है। महिलाएं अगर माइक्रो फायनेंस कंपनियों के फेर में कर्जदार बनने को लेकर सरकार से कर्ज माफी की मांग कर रहीं हैं तो यह गलत नहीं है। प्रदर्शन उनका अधिकार है। उन पर किया गया बल प्रयोग हर दृष्टि से अनुचित है महिलाओं को कर्जदार बनाए जाने का मामला अत्यंत गंभीर है। इसे लेकर मैं आर्थिक नाकाबंदी करने के निर्णय पर अडिग हूं। रात्रि के घटनाक्रम को लेकर एसपी से बात हुई है जिसमें पता चला कि कुछ महिलाओं का शुगर लेबल कम होने पर उन्हें अस्पताल भेजा गया। इसी दौरान अप्रिय स्थिति निर्मित हुई। बड़ी संख्या में महिलाओं को कर्जदार बनाने को लेकर जो भी लोग दोषी हैं, अनिवार्य रूप से उन सभी के खिलाफ प्रशासन को कठोर एक्शन लेना चाहिए। चिंताजनक यह है कि लालच के चक्कर में महिलाएं गलत रास्ते पर आईं और नुकसान करा बैठीं।