भूरा माहो के डर से अधपके फसल को काटने मजबूर हुए किसान

सुखदेव कैवर्त
कोरबा (बरपाली ) 5 नवम्बर। इस वर्ष खेतों में धान की अच्छी फसल लहलहा रही थी समय समय पर पानी भी गिरा खेतों की फसल को देख अच्छी आमदनी होने की आस लगाए किसान थे कि इस वर्ष जिस तरह के धान के फसलों में बीमारीयां लगी किसान चिंतित होने लगे कई बार बार दवाओं का छिडकाव भी किया गया ले देकर धान मे बाली आकर अध पका हुआ है कि भूरा माहो ने अपने कब्जे में ले लिया है क्षेत्र अधिकांश खेतों में भुरा माहो का प्रकोप है। भुरा माहो के लिए किसानों ने दवाओं का छिडकाव कर रहे है लेकिन भुरा माहो नही मर रहा है न ही जा रहा है। एक दो दिन मे पुरी की पूरी खेत को अपने चपेट में ले रहा। जिन जिन खेतो मे यह बीमारी लग रहा है पुरा धान के पेड़ सुख जा रहा है। अभी मध्यम एवं ऊंचे किस्म के धान अध पके है तो कुछ खेतों में धान की बालियां निकल पाई है। ऐसे मे जिन खेतों में धान आधा पक चुका है उसको भी किसान काटने को मजबूर होना पड रहा है। कहीं ऐसा न हो कि जो भी धान कुछ पक गया है उस पर भुरा माहो लग कर धान को बरबाद न कर दे। कुछ किसानों को हमारे प्रेस प्रतिनिधि ने अधपके फसलों को काटने की वजह खेतों में जाकर किसानों से पुछा तो उन लोगों ने भुरा माहो के डर को कारण बताया। सभी ने बताया कि भुरा माहो का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढता ही जा रहा है। दवाओं का कोई असर नहीं हो रहा। इसके पूर्व तना छेदक झुलसा रोग तितली माहो से किसान परेशान थे। अब भुरा माहो से किसान परेशान है। कुछ किसानों का कहना है कि जो लागत इस वर्ष खेती में लगाए है उतनी आमदनी नही मिल पायेगी। मजदूरी महंगी दवाओं सभी का लागत नहीं निकल पायेगा। बैंक का कर्ज चुकाना मुश्किल हो सकता है। सभी की आस पर इस भुरा माहो ने ने बट्टा लगा दिया है। किसानों ने कई तरह की चिंता प्रकट की है। कुछ खेत में पूरी तरह से धान खराब हो गई है।

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