ज्योतिभूषण प्रताप सिंह विधि महाविद्यालय में विधिक सेवा विषय पर कार्यशाला आयोजित
कोरबा 10 नवम्बर। राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर श्री ज्योति भूषण प्रताप सिंह विधि महाविद्यालय कोरबा में विधिक जागरूकता कार्यशाला सह शिविर का आयोजन किया गया।
उक्त अवसर पर सत्येन्द्र कुमार साहू, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोरबा एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा अपने उद्बोधन में सभी विशिष्ट अतिथि, प्राचार्य, प्राध्यापकगण, मीडिया के सदस्यगण विधि के छात्र-छात्रा पैरालीगल वॉलीण्टियर्स को विधिक सेवा दिवस की बधाई देते हुये कहा गया कि विशेष दिवस इसलिये मनाते है कि हम कुछ याद करें। हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का कथन था कि हमारा कार्य है कि हम समाज के अंतिम व्यक्ति का आंसू पोछ सकें।
भारत का संविधान 1949 बन गया। आप अच्छे से पड़ लिये क्यो बी.ए. कर लिया, बी.ई कर एम.बी.बी.एस. कर लिया क्या स्थिति आज भी सुधरी है। आज हम सभी मोटर सायकल स्कूटर चला रहे है, सभी पढ़े लिखे है फिर भी पुलिस को ट्रैफिक चालान काटना पड़ रहा है। आज भी स्थिति नहीं सुधरी है, कानून का क्या हुआ फिर कैसे होगा। हमारे ऊपर एक जिम्मेदारी आती है जब आप कानून की पढ़ाई करते है। पहले तो हमें यह सीखना होगा कि हम कानून का सम्मान करें, नियमों का पालन करें दूसरों को भी सिखायें। एक उदाहरण देते हुये कहा गया कि किसी दूबले-पतले आदमी की किसी पहलवान से लड़ाई हो जाती है तो वह कहेगा कि मैं पुलिस के पास, कोर्ट के पास जाउंगा। इसका मतलब आप समझते है कि कानून एक बहुत बड़ा सहारा है, ये कानून कहॉं से होता है, कानून का आधार क्या है, काननू की पढ़ाई कर रहे है उसका एक उद्देश्य होता है मर्म होता है इसको समझने का कोई प्रयास नहीं करता है। कानून का पालन करना सीखे और दूसरों को सीखायें। हम ज्ञान अर्जित करते है तो हमें कानून की जागरूकता फैलानी पड़ती है। तभी तो ज्ञान का सार्थकता है। ज्ञान से हमें हमें एक लडने का हथियार प्राप्त होता है। कोई भी समस्या का समाधान वैधानिक एवं अवैधानिक तरीके से होता है आप वैधानिक तरीका ही अपनाये जो सही है। आज बहुत से व्यक्ति इसलिये भटकते है कि उन्हें यह नहीं मालूम है कि उन्हें जाना कहा है आवेदन कहा करना होगा। ये सब कौन बतायेगा। इसलिये जागरूकता फैलाने के लिये राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर जागरूकता का कार्यक्रम कर रहे हैं। इसकी सार्थकता इसी में है तो अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करना है।
कु. डिम्पल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा बताया गया कि तहसील स्तर पर व्यवहार न्यायालय में तालुका विधिक सेवा समिति, जिला न्यायालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय स्तर पर, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, राज्य स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) का गठन किया गया है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण देश में कानूनी सेवएं उपलब्ध कराने के लिये उत्तरदायी है। आज भी भारतीय समाज में ऐसे वर्ग है, जिनके लिये कानूनी प्रक्रिया को समझना और न्याय तक पहुंचना कठिन है। गरीब, वंचित और अशिक्षित नागरिकों के लिये न्याय व्यवस्था खर्चीला होना एक बड़ी चुनौती है। विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य ही समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को विधिक सहायता एवं विधिक सलाह देना है, इसके महिला बच्चे, बुर्जुग, जिनकी आय डेढ लाख रूपये से कम है। पीडित पक्ष है जब कोई अपराध होता है तो हम पुलिस के पास जाकर रिपोर्ट लिखाते है, पुलिस विवेचना कर न्यायालय में पेश करते है। न्यायालय के समक्ष खड़ा होकर अपना पक्ष रखते हैं।