व्याख्याता भरतलाल को बीआरसी पद से हटाकर मूल संस्था हाईस्कूल पाली भेजने कलेक्टर के निर्देश पर अमल नहीं किया
कोरबा 24 अक्टूबर। कलेक्टर अजीत वसंत ने बीते शुक्रवार 18 अक्टूबर को स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने जिले में शैक्षणिक व्यवस्था को बेहतर बनाने और संचालित योजनाओं की दिशा में कार्य करने के निर्देश शिक्षा अधिकारियों को दिए। साथ ही पोड़ी- उपरोड़ा विकासखण्ड स्रोत समन्वयक के पद से व्याख्याता भरतलाल कुर्रे को तत्काल हटाकर मूल संस्था हाईस्कूल पाली के लिए कार्यमुक्त करने के निर्देश जिला शिक्षाधिकारी को दिए। बावजूद इसके शिक्षा विभाग ने कलेक्टर निर्देश का पालन अबतक नही किया है।
ज्ञात हो कि व्याख्याता भरतलाल कुर्रे द्वारा 14 माह अनुपस्थित तरीके से लाखों वेतन आहरण करने की शिकायत जिला कांग्रेस कमेटी ब्लाक अध्यक्ष बबलू मारूवा ने 10 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारी से कर जांच व कार्रवाई की मांग की थी।शिकायत के आधार पर कराए गए विभागीय जांच में मई 2023 से जून 2024 तक व्याख्याता भरतलाल को गैर हाजिर तरीके से 14 माह का वेतन लेने का दोषी पाया गया तथा 20 अगस्त को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इस दरमियान उन्हें पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड स्रोत समन्वयक की जवाबदारी शिक्षा विभाग ने सौंप दी। कलेक्टर अनुशंसा पर व्याख्याता भरतलाल के तनख्वाह से 14 माह का बिना उपस्थिति प्राप्त वेतन को समान मासिक किश्तों में वसूली के आदेश जिला शिक्षाधिकारी ने आहरण संवितरण अधिकारी प्राचार्य कोरबी चोटिया को पूर्व से दिए है। वहीं पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती संतोषी पेन्द्रों द्वारा 07 अक्टूबर को कलेक्टर जनदर्शन में व्याख्याता भरतलाल कुर्रे को बीआरसी पद से हटाकर मूल संस्था भेजने शिकायत पत्र दी थी, जिसमे उन्होंने हाईस्कूल पाली में अध्यापन कार्य हेतु केवल दो व्याख्याता होने, जिसमे से व्याख्याता भरतलाल कुर्रे को बीआरसी बनाए जाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने उल्लेख की थी। कलेक्टर ने जिसे संज्ञान में लिया और 18 अक्टूबर को लिए गए स्कूल शिक्षा विभाग के समीक्षा बैठक में व्याख्याता को मूल संस्था के लिए तत्काल कार्यमुक्त करने के निर्देश जिला शिक्षाधिकारी टी.पी. उपाध्याय को दिए है। किंतु शिक्षा विभाग ने कलेक्टर के उक्त निर्देश का अबतक पालन नही किया है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि व्याख्याता भरतलाल शिक्षा विभाग के आंखों का तारा बना हुआ है, जिन्हें बीआरसी पद से हटाने कलेक्टर निर्देश को दरकिनार किया जा रहा। जिससे विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे है।