कही-सुनी @ रवि भोई
कही-सुनी (15 SEPT-24 ) : रवि भोई
आईजी अमरेश मिश्रा के जेल जाने का मुद्दा गरमाया
एसीबी और रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा का रायपुर केंद्रीय जेल जाकर कोल लेवी कांड के आरोपी सूर्यकांत तिवारी पर दबाव के आरोप का मसला गरमा गया है। सूर्यकांत ने इस बारे में कोर्ट को आवेदन दिया । कोर्ट ने सूर्यकांत के आवेदन पर सुनवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज और आगंतुक रजिस्टर को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई पांच दिसंबर को नियत है। जेल प्रशासन ने मान लिया है कि आईजी अमरेश मिश्रा आठ सितंबर को रायपुर केंद्रीय जेल आए थे। आठ सितंबर को रविवार था। छुट्टी के दिन आईजी के जेल जाने को कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुद्दा बना दिया है। भाजपा के कुछ नेता भी आईजी के जेल जाकर न्यायिक अभिरक्षा में जेल में बंद आरोपी से मिलने को लेकर नाराज बताए जाते हैं। खबर है कि कुछ लोगों ने मामला कोर्ट पहुंचने से पहले सीसीटीवी फुटेज और आगंतुक रजिस्टर में दर्ज नाम को मैनेज करने की कोशिश की, लेकिन जेल प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए। कहते हैं इस मामले में जेल के एक बड़े अफसर ने सख्त रुख अपनाया। कहा जा रहा है कि ज्यूडिशियल कस्टडी में बंद आरोपी से कोर्ट की अनुमति के बगैर एक पुलिस आफिसर की मुलाक़ात से केस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। वैसे जेल प्रशासन का कहना है कि आईजी अमरेश मिश्रा जेल नियमावली के नियम 814 के तहत आए थे।
नए तेवर में विष्णुदेव साय
कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस के बहाने प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त करने के साथ नई छवि भी पेश की। मुख्यमंत्री ने दो दिवसीय कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में अफसरों को खरी-खरी सुनाई, साथ में आचार-व्यवहार को लेकर नसीहत भी दी। मुख्यमंत्री ने सीधे और सरल-सहज छवि को तोड़ते हुए आक्रामक होने की झलक भी पेश की। उन्होंने कलेक्टरों को अपने मातहतों को सुधारने से लेकर आम लोगों से अच्छे से पेश आने की नसीहत भी दी, तो स्कूलों की गुणवत्ता ठीक करने पर भी जोर दिया। एसपी को जुआ-सट्टा से लेकर कानून-व्यवस्था ठीक करने को कहा। मुख्यमंत्री ने अच्छे काम करने वाले कलेक्टर-एसपी की तारीफ़ की तो व्यवस्था नहीं सुधारने और रिजल्ट नहीं देने वाले कलेक्टर-एसपी को साफ-साफ़ बोल भी दिया। मुख्यमंत्री ने ख़राब परफॉर्मेंस वाले कलेक्टर और एसपी पर गाज गिरानी भी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस खत्म होने के अगले दिन ही बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. और मुंगेली एसपी गिरिजाशंकर जायसवाल को हटाकर अपने नए तेवर का संकेत भी दे दिया।
निशाने पर मंत्री टंकराम वर्मा
पिछले दिनों हुए तहसीलदारों और राजस्व विभाग के कर्मचारियों के तबादले को लेकर राज्य के राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा निशाने पर आ गए हैं। 12 और 13 सितंबर को कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में भी राजस्व विभाग के मुद्दे छाए रहे। राजस्व विभाग के मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सख्त दिखे। कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में मुद्दा उठने के एक दिन बाद ही करीब 160 तहसीलदार, नायब तहसीलदार और आरआई के तबादला आदेश जारी हो गए। लोकसभा चुनाव के पहले भी करीब 150 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के तबादले हुए थे,जिसे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था। तहसीलदार और नायब तहसीलदार इस बार भी कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। कहते हैं कि 3-4 महीने के भीतर दूसरी बार तबादले से तहसीलदार और नायब तहसीलदार नाराज हैं और इसका ठीकरा राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा पर फोड़ रहे हैं। टंकराम वर्मा पहली बार विधायक और मंत्री बने हैं। अब देखते हैं तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का गुस्सा क्या रंग लाता है।
एसपी कांफ्रेंस में गृहमंत्री की अनुपस्थिति सुर्ख़ियों में
एसपी कांफ्रेंस में उपमुख्यमंत्री और गृह विभाग के प्रभारी विजय शर्मा की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बन गया है, साथ में कांग्रेस को एक मुद्दा भी मिल गया। भाजपा के लोग कह रहे हैं बाहर होने के कारण गृह मंत्री एसपी कांफ्रेंस में मौजूद नहीं थे, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का आरोप है कि उन्हें जानबूझकर एसपी कांफ्रेंस से दूर रखा गया। कारण कुछ भी हो एसपी कांफ्रेंस में गृह मंत्री की गैर हाजिरी राजनीतिक मुद्दा बन गया है। भाजपा सरकार के शुरूआती दिनों में दिल्ली दौरे से लेकर आमतौर पर हर कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ दोनों उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा नजर आते थे। यहां तक कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री के आजू-बाजू बैठे भी।
डॉ रमन का बढ़ा महत्व
कहते हैं साय सरकार में अब डॉ रमनसिंह का महत्व बढ़ने लगा है। कई मामलों में उनसे सलाह ली जाने लगी है। छत्तीसगढ़ के 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह अब विधानसभा अध्यक्ष हैं। पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब छत्तीसगढ़ में तीन दिन रुके थे, तब उन्होंने डॉ रमन सिंह से अकेले में करीब 35-40 मिनट बात की थी। माना जा रहा है कि अमित शाह के निर्देश पर ही सरकार महत्वपूर्ण मामलों में डॉ रमन सिंह की सलाह लेने लगी है। कहते हैं 2014 में विष्णुदेव साय को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करवाने, फिर 2020 में उन्हें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाने में रमन सिंह की अहम भूमिका रही।
ऋचा शर्मा को फिर खाद्य की जिम्मेदारी
विष्णुदेव साय की सरकार ने अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी दे दी है। उनके पास पहले से वन विभाग है। ऋचा शर्मा छत्तीसगढ़ आने से पहले तक भारत सरकार में खाद्य विभाग की अतिरिक्त सचिव थीं। 2018 में केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले भी राज्य की खाद्य सचिव थीं। अगले महीने से धान खरीदी की तैयारी शुरू हो जाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत सरकार से बेहतर समन्वय के लिए साय सरकार ने ऋचा शर्मा को फिर से फ़ूड की कमान दी है। कहा जा रहा है कि धान खरीदी के लिए मार्कफेड,राज्य भंडार गृह निगम और नागरिक आपूर्ति निगम के बीच तालमेल की जरुरत पड़ती है। खरीदी के साथ भण्डारण और मिलिंग का काम माथापच्ची का होता है, ऐसे में फ़ूड के लिए तेजतर्रार अफसर की जरुरत थी। इस कारण ऋचा शर्मा को वन के साथ फ़ूड का अतिरिक्त चार्ज दे दिया गया।
आईजी-एसपी की लिस्ट जल्द
कहा जा रहा है कि एसपी कांफ्रेंस के बाद अब आईजी-एसपी की लिस्ट जल्द निकल सकती है। राज्य में विष्णुदेव साय की सरकार बनने के बाद एक ही बार पुलिस अधीक्षकों का बड़ा बदलाव हुआ है। उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते बड़ा बदलाव हो सकता है। चर्चा है की कई बड़े जिले के एसपी भी इधर से उधर होंगे। वैसे एसपी कांफ्रेस के बाद मुंगेली एसपी पर गाज गिर गई। मुंगेली एसपी गिरिजाशंकर जायसवाल को हटाकर वहां भोजराज पटेल को पदस्थ किया गया है। भोजराज पटेल कांग्रेस के शासनकाल में कोरबा जैसे जिले के एसपी रह चुके हैं। कहा जा रहा है कि गिरिजाशंकर जायसवाल को कबूतर न उड़ने वाला विवाद भारी पड़ गया। माना जा रहा है जिले में बेलगाम जुआ-सट्टा भी इनके खिलाफ गया।
अंकित फिर ओपी के साथ
वित्त और आवास व पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी के साथ सरकार ने फिर आईएएस अंकित आनंद को लगा दिया। 2006 के आईएएस अंकित आनंद ओपी चौधरी के साथ वित्त सचिव थे। राज्य के 2024-25 का बजट ओपी चौधरी ने अंकित आनंद के वित्त सचिव रहते ही पेश किया था। बजट पेश करने के कुछ दिन बाद अंकित आनंद की जगह 2005 बैच के आईएएस मुकेश बंसल को वित्त सचिव बना दिया गया। अंकित आनंद को उद्योग सचिव बना दिया गया। अब हाल ही के फेरबदल में अंकित आनंद को आवास व पर्यावरण विभाग का सचिव बनाया गया है। उद्योग विभाग 2005 बैच के आईएएस रजत कुमार को दिया गया है। पहले आवास व पर्यावरण विभाग 2005 बैच की आईएएस आर संगीता के पास था। संगीता के पास आबकारी विभाग भी है। ओपी चौधरी 2005 बैच के आईएएस रह चुके हैं और अब तक उनके विभाग में 2005 बैच के आईएएस सचिव होने के कारण अंकित को आवास और पर्यावरण सचिव बनाए जाने पर चर्चा का बाजार गर्म है।
(लेखक पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)