धरमजयगढ़ लौटा लोनर, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने ली राहत की सांस

कोरबा 14 सितंबर। कोरबा, जांजगीर-चांपा तथा बिलासपुर जिले में उत्पात मचाकर वन विभाग एवं ग्रामीणों के नाकों में दम कर देने वाला खतरनाक लोनर हाथी धरमजयगढ़ लौट गया है। लोनर के अन्यत्र जाने से अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

जानकारी के अनुसार लोनर हाथी ने शुक्रवार की रात मूव्हमेंट किया और धीरे-धीरे जंगल के रास्ते कुदमुरा वन परिक्षेत्र की सीमा को पार कर धरमजयगढ़ जंगल में प्रवेश कर लिया। इसके पहले लोनर हाथी कटघोरा वनमंडल के चौतमा तथा कोरबा के बालको वन परिक्षेत्र में दो ग्रामीणों को मौत के घाट उतारने के बाद पसरखेत करतला तथा कोरबा परिक्षेत्र के जंगल होते हुए कुदमुरा पहुंच गया था और वहां मौजूद दो हाथियों के दल में शामिल हो गया था। कुदमुरा में मौजूद हाथियों के साथ लगभग 48 घंटे रहने के साथ शुक्रवार की रात लोनर आगे बढ़ा और आज सुबह होने से पहले धरमजयगढ़ क्षेत्र जोवा जंगल पहुंच गया। लोनर हाथी के मूव्हमेंट के दौरान वन विभाग का अमला लगातार निगरानी करता रहा। जैसे ही उसने जिले की सीमा को पार किया, संबंधित वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को इसकी सूचना दी गई, जिस पर वहां का अमला अलर्ट हो गया है और लोनर की निगरानी में जुट गया है। लोनर हाथी के कुदमुरा क्षेत्र में रहने के दौरान वन विभाग द्वारा उसकी लगातार निगरानी ड्रोन कैमरे के जरिए की जाती रही। दो हाथी अभी भी कुदमुरा जंगल के कक्ष क्रमांक 1140 में जमे हुए हैं। जिनकी निगरानी जारी है।उधर कटघोरा वनमंडल के केंदई रेंज में हाथियों द्वारा फसल रौंदे जाने का क्रम जारी है। यहां के कोरबी सर्किल में सक्रिय 48 हाथियों के दल ने बीती रात फिर खेतों में पहुंचकर धान की फसल को रौंद दिया है। हाथियों द्वारा लगातार खेतों में उत्पात मचाए जाने से ग्रामीण बेहद परेशान हैं।

वन विभाग के सीसीएफ बिलासपुर सर्किल प्रभात मिश्रा ने आज कोरबा पहुंचकर वन विभाग के अधिकारियों की बैठक ली एवं विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्यों की समीक्षा करने के बाद निरीक्षण करने मौके पर पहुंचे। उन्होंने बालको परिक्षेत्र में कराए गए पौधरोपण के साथ ही अन्य कार्यों का निरक्षण किया और अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आवश्यक मार्गदर्शन दिया। इस दौरान डीएफओ अरविंद पीएम, एसडीओ द्वय आशीष खेलवार, सूर्यकांत सोनी व अन्य अधिकारी साथ थे।

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