परीक्षा अवधि में डीजे बंद कराने कलेक्टर को लिखा आवेदन
कोरबा 02 मार्च। बारहवी कक्षा के हिंदी विषय के प्रश्न पत्र के साथ बोर्ड परीक्षा की शुरूआत शुक्रवार को हुई है। चंद्रयान तीन की सफलता, वन एवं जैव-विविधता संरक्षण, वायु प्रदूषण कारण-निदान जैसे विषय पर निबंध लेखन बच्चों के लिए कौतूहल का विषय रहा है। वहीं प्लास्टिक थैलियों के उत्पादन एवं प्रयोग पर रोक लगाने के लिए पर्यावरण मंत्री को पत्र लेखन, परीक्षा अविध में डीजे का प्रयोग बंद कराने कलेक्टर को आवेदन लिखने में विद्यार्थियों ने बेहतर अंक के लिए जुगत लगाई। 95 केंद्रों में आयोजित परीक्षा के लिए 10 हजार 367 विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया था, इनमें 182 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।
बोर्ड परीक्षा आयोजन को लेकर सुबह से ही निर्धारित केंद्रों में गहमा गहमी का माहौल रहा हैं। केंद्रों में परीक्षा के लिए निर्धारित समय घंटे भर पहले से ही बच्चों की उपस्थित शुरू हो गई थी। बारहवीं हिंदी का प्रश्न कुल 80 अंक का था। प्रश्न पत्र को तीन खंड क, ख और ग में बांटा गया था। क खंड को 16, ख को 20, ग को दो भागों में विभक्त कर 32 और 12 अंक के प्रश्न पूछे गए थे। गद्य और पद्य लेखन के अलावा निबंध और पत्र लेखन में सर्वाधिक अंक निर्धारित किए गए थे। प्रश्न पत्र को हल करने के लिए सवा तीन घंटे का समय निर्धारित किया गया। तैयारी के अनुरूप सरल प्रश्न आने से बच्चों के चेहरे खिले रहे। तीन सेट में विभक्त प्रश्न पत्र में प्रश्नों की समानता देखी गई। बताना होगा कि नोनबिर्रा और प्रयास को नया केंद्र बनाया है। केंद्रों की संख्या बढ़ने से विद्यार्थियों को लंबी दूरी तय करने की समस्या से निजात मिली है। दसवीं कक्षा की परीक्षा शनिवार से शुरू होगी। परीक्षा आयोजन को देखते हुए जिले ध्वनि विस्तारक यंत्र पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
पारदर्शिता पूर्ण परीक्षा आयोजन के लिए जिला प्रशासन ने पांच उड़नदस्ता टीम का गठन किया हैं। टीम ने पहले दिन जिले 25 केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। एक ही केंद्र में दो दलों के निरीक्षण की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए पहले से ही रूट तय कर दी गई थी। नकल प्रकरण निरंक रहा। जिल के सभी केंद्रों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। उत्तर पुस्तिकाओं को स्ट्रांगरूम में सुरिक्षत रखा गया है। सभी गोपनीय सामाग्रियों को माध्यमिक शिक्षा मंडल वापस भेजा जाएगा।
बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में आगामी वर्ष से परिवर्तित होने की संभावना है। माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से सेमेस्टर सिस्टम लागू करने पर पहल की जा रही। बहरहाल वर्तमान परीक्षा के पैटर्न को पिछले वर्ष की तरह ही रखा गया है। विषय विशेषज्ञों में माने बीते चार वर्ष के प्रश्न प्रत्रों को हल करने वाले विद्यार्थियों को लघु एवं निबंधात्मक प्रश्नों को हल करने में सहूलियत होगी। असफल विद्यार्थियों आगामी वर्ष ने सेमेस्टर माध्यम से परीक्षा देनी पड़ सकती है।