सरकारी आश्रम की छात्राओं से छेड़छाड़ व मारपीट के मामले में प्रधान पाठक निलंबित
कोरबा 21 दिसम्बर। विद्यालयों के शिक्षकों से सरकार को कई प्रकार की अपेक्षाएं हैं। इस लिहाज से अलग-अलग स्तर पर सहूलियत और सुविधाएं दी जा रही है। खासतौर पर दूरस्थ क्षेत्रों में पढ़ाई के लिए अच्छा वातावरण तैयार करने की कोशिशें की जा रही है। इन सबके बीच कोरबा जिले के घरीपखना विद्यालय के प्रधान पाठक ने छात्राओं से कुछ ऐसी हरकत की जिसके कारण मामले को संज्ञान में लिया गया। जांच रिपोर्ट के साथ उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। उसे मोरगा के सरकारी विद्यालय में संलग्न किया गया है।
आदिवासी बाहुल्य पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले घरीपखना से यह प्रकरण संबंधित है जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी गोवर्धन भारद्वाज ने आदेश जारी कर प्रधान पाठक संदीप अग्रवाल को निलंबित कर दिया। आदेश क्रमांक 5336/शिकायत/निलंबन 2023-24 जारी करते हुए कहा गया है कि निलंबन अवधि में अग्रवाल को नियमानुसार जीवन निर्वहन भत्ता की पात्रता होगी। आदेश में इस बात का जिक्र किया है कि कार्यालय कलेक्टर आदिवासी विकास कोरबा के पत्र क्रमांक छात्रावासध्2023-24ध्5376ध्कोरबा 20.12.2023 के तहत दिए गए जांच प्रतिवेदन के आधार पर प्राथमिक आश्रम शाला घरीपखना विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा में पदस्थ संदीप कुमार अग्रवाल को निलंबित कर दिया गया। उसके विरूद्ध प्राथमिक आश्रम शाला घरीपखना की छात्राओं के साथ ही मारपीट करने के साथ ही शारीरिक और मानसिक शोषण करने की शिकायत मिली थी। प्रशासन ने इस पर संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच इस मामले में तथ्यों को लेकर जांच की। अधिकारियों द्वारा दिए गए जांच प्रतिवेदन में शिकायत से संबंधित तथ्य सही पाए गए। जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश में कहा है कि प्रधान पाठक का उक्त कृत्य अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही, उदासीनता और अनुशासनहीनता प्रदर्शित करता है जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के विपरित है। इसलिए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1966 के नियम 9 (2क) के तहत प्रधान पाठक अग्रवाल को निलंबित किया जाता है। आज सुबह आदेश की कापी पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड शिक्षा अधिकारी के साथ-साथ लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर, कलेक्टर, सहायक आयुक्त, संयुक्त संचालक और मोरगा हायर सेकेंडरी विद्यालय के प्राचार्य को भेज दी गई है।
पिछले शुक्रवार को यह मामला पेश आया। घटना को लेकर आश्रम की छात्राओं जो यहां के ही विद्यालय में पढ़ती हैं। उन्होंने प्रधान पाठक के द्वारा की गई हरकत के बारे में अधीक्षिका को जानकारी दी। यह मामला एक नहीं बल्कि अन्य छात्राओं से जुड़ हुआ था। शिकायत गंभीर थी इसलिए अधीक्षिका ने न केवल नाराजगी जताई बल्कि फौरन उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दी। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के साथ इस तरह के व्यवहार अनापेक्षित हैं और उनकी सुरक्षा के लिए हमें गंभीरता दिखानी होगी। आखिरकार इस पर कार्रवाई हुई। मामले की जानकारी होने पर कुछ मीडिया कर्मियों ने प्रधान पाठक अग्रवाल से संपर्क कर इस बारे में बातचीत की। जिस पर उसने छेड़छाड़ और मारपीट के आरोप को न केवल अनसुना किया बल्कि वह मामले को नाटकीय मोड़ देने की कोशिश करता रहा। उसका कहना था कि उसकी मौजूदा पदस्थापना में आने के लिए अधीक्षिका प्रयास कर रही है। प्रधान पाठक ने अपनी ऊंची पहुंच का भी हवाला दिया।