भारतमाला परियोजना के तहत अंडरपास के लिए काटेंगे वृक्ष
दिल्ली की टीम ने संबंधित क्षेत्र का किया सर्वेक्षण
कोरबा 20 दिसम्बर। भारतमाला परियोजना के तहत उरगा से पत्थलगांव के बीच बनने वाली सडक की जद में कोरबा के हरे भरे जंगल आ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर वन्य प्राणियों का रास्ता भी प्रभावित हो रहा है। ऐसे में वन्य प्राणियों को इस रास्ते में किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए दिल्ली से वन एवं पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अफसरों की टीम पहुंची थी। उन्होंने क्षेत्र का निरीक्षण किया है और वन्य प्राणियों को आने-जाने के लिए माकूल रास्ता मिल सके इसके लिए उन्होंने अंडरपास की जगह हेतु इलाके का सर्वे किया।
उल्लेखनीय है कि भारतमाला परियोजना के तहत उरगा से सीधे करतला होते हुए धरमजयगढ़ पत्थलगांव तक सडक निर्माण किया जा रहा है। जिसका काम बहुत तेजी से चल रहा है। वहीं इस निर्माणाधीन सडक की जद में कोरबा व धरमजयगढ़ वनमंडल के वन क्षेत्र आ रहे हैं। यह दोनों वनमंडल हाथी प्रभावित क्षेत्र है और दोनों ही वनमंडल में सबसे अधिक हाथियों का बसेरा रहता है। हाथी अक्सर इसी रास्ते से आना-जाना करते हैं। इसलिए परियोजना के तहत बनने वाले सडक में हाथियों को किसी तरह की आने-जाने व उनके रहवास में कोई परेशानी ना हो इसके लिए दिल्ली के वन एवं पर्यावरण विभाग की रायपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से एक टीम कोरबा पहुंची थी। उनके द्वारा वन विभाग के अधिकारियों के साथ कोरबा व धरमजयगढ़ वनमंडल का सघन निरीक्षण किया है।
अधिकारियों की टीम ने भारतमाला परियोजना के अंतर्गत आने वाले जंगल क्षेत्र का निरीक्षण किया और उन्होंने स्थानीय वन विभाग के अफसरों से बारीकी से जानकारी ली है और हाथी व अन्य वन प्राणियों के रहवास क्षेत्र में किसी तरह की परेशानी ना हो और उनके आने-जाने के लिए माकुल सुविधा मुहैय्या हो सके इसके लिए अधिकारियों ने कोरबा से धरमजयगढ़ वनमंडल के बीच लगभग एक दर्जन से अधिक अंडर पास व ओवरपास बनाए जाने को लेकर सहमति जाहिर की है और इसे लेकर अधिकारियों ने स्थल का भी चयन किया है। बताया जाता है कि अब दिल्ली से पहुंचे अधिकारियों की टीम द्वारा निरीक्षण किए गए रिपोर्ट को वरिष्ठ अफसर को सौंपेंगे। इसके बाद ही उरगा से जाने वाली सडक का निर्माण काम शुरू हो सकेगा और हाथियों के आने-जाने के लिए अंडर व ओवरपास बन सकेंगे।