कल्याण की कामना के साथ सुआ गायन जारी

कोरबा 10 दिसम्बर। दीपावली पर्व से शुरू हुआ सुआ गीत का गायन अब भी जारी है। मुख्य रूप से इसका संबंध लोगों के कल्याण की कामना से जुड़ा हुआ है। एक जैसे ड्रेस कोड में महिलाएं सुआ के प्रतीक को टोकरे में रखने के साथ इसके आसपास गीत का गायन करते हुए लोगों के सुख समृद्धि और अच्छी फसल की कामना करतीं हैं।

छत्तीसगढ़ में लंबे समय तक साहित्य सृजन से जुड़े मुकुटधर पांडेय ने अपनी रचनाओं में इसका जिक्र किया है। मुख्य रूप से स्थानीय महिलाएं हल्के हरे या पीले रंग के वस्त्र में खुद को प्रस्तुत करने के साथ सुआ गीत को स्वर देती हैं। इस दौरान तोते को माध्यम बनाकर कई प्रकार के संदेश दिए जाते हैं। विभिन्न क्षेत्रों में इस प्रकार के नजारे इन दिनों देखने को मिल रहे हैं। घरों और संस्थानों के सामने महिलाओं के समूह को देखना और उनसे सुआ गीत सुनना एक अलग ही अनुभव होता है। इसके एवज में लोग कुछ धन राशि उपलब्ध कराकर उनका प्रोत्साहन करते हैं। अगहन मास की समाप्ति तक सुआ गीत का दौर अंचल में जारी रहेगा।

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