कुली का काम करने वाले दीपक पटेल ने अंतरराष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग में जीता स्वर्ण

कोरबा 04 दिसम्बर। रेलवे स्टेशन कोरबा में कुली का काम करने वाले दीपक पटेल ने एक नया कीर्तिमान रच दिया है। उन्होंने नेपाल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पावर लिफ्टिंग स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर विजेता का खिताब हासिल किया है। उन्होंने 53 किलोग्राम बाडी वेट की कैटेगरी से भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए यह उपलब्धि अपने नाम की है।

दीपक ने पावर स्पोर्ट्स एसोसिएशन आफ इंडिया का नेतृत्व करते हुए पांच देशों की प्रतियोगिता में यह कमाल किया है। इनमें भूटान, नेपाल, श्रीलंका, हांगकांग और भारत समेत पांच देशों के चौंपियन का गौरवपूर्ण खिताब हासिल किया है। वे इस प्रतियोगिता में देशभर से शामिल होने वाले कुल 12 और छत्तीसगढ़ से एक मात्र खिलाड़ी हैं। दीपक की जीत का सिलसिला कोई नया नहीं है। उन्होंने इससे पहले पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में फेडरेशन कप नेशन पावरलिफ्टिंग चौंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। अब तक उन्होंने चार बार की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में गोल्ड जीता और कई राज्य स्तरीय प्रतिस्पर्धा में विजेता का खिताब हासिल किया है।

सिलीगुड़ी की वह महत्वपूर्ण जीत उनके चौथे राष्ट्रीय स्वर्ण का प्रतीक रही, जिससे वे पावरलिफ्टिंग में प्रमुख प्रतिभाओं में से एक बन चुके हैं। वर्ल्ड पावरलिफ्टिंग इंडिया के संरक्षण में दार्जिलिंग जिला पावरलिफ्टिंग एसोसिएशन द्वारा आयोजित फेडरेशन कप में दीपक ने अपनी जबरदस्त ताकत का प्रदर्शन किया। उन्होंने कुल 382.5 किलोग्राम वजन उठाकर चौंपियनशिप हासिल किया था। इस वजन में 175 किलोग्राम की डेडलिफ्ट, 87.5 किलोग्राम की बेंच प्रेस और 120 किलोग्राम का स्क्वाट शामिल था। इसके अलावा उन्होंने गुवाहाटी, हावड़ा और दुर्ग में आयोजित राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग चौंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे। इसके अलावा, उन्होंने 12 राज्य-स्तरीय प्रतियोगिताओं में शीर्ष स्थान हासिल किया था। अपनी एथलेटिक प्रतिबद्धताओं के बीच, दीपक ने शिक्षा को प्राथमिकता देना जारी रखा है। उन्होंने हाल ही में अपनी 10 वीं कक्षा की परीक्षा दी और यह प्रदर्शित किया कि ज्ञान भी शारीरिक फिटनेस जितना ही महत्वपूर्ण है।

दीपक के सपने पावरलिफ्टिंग में न केवल ऊंचाइयां छूने की हैं, बल्कि उसका लक्ष्य इससे भी कहीं आगे का है। खेल कोटा के माध्यम से रेलवे में सरकारी नौकरी हासिल करने की उम्मीद के साथ, वह अपनी बूढ़ी मां, पत्नी और तीन बच्चों के लिए कठिन परिस्थितियों को बेहतर कर जीवन की स्थिति में सुधार करना चाहते हैं। प्रत्येक चौंपियन के पीछे एक अटूट समर्थन प्रणाली का हाथ होता है, जो एक गुरु की भांति अपने शिष्य का हाथ थामकर उसका पथ प्रदर्शन करता है। हमारे चौंपियन दीपक के लिए, रेलवे में टीटीई और फिटनेस प्रशंसक रिकाडो गुनियन मार्गदर्शक और गुरु के रूप में हर कदम पर हौसला बढ़ा रहे हैं। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि दीपक नई ऊंचाइयों तक पहुंचें। जैसे-जैसे वे अपनी सफलता की यात्रा पर आगे बढ़ रहे हैं, वह न केवल अपना कद बढ़ा रहे हैं बल्कि आकांक्षाओं को भी नई राह दे रहे हैं। वे अपनी सफलताओं से संघर्ष कर रहे कई लोगों, कोरबा और पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक प्रेरणा बन गए।

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