दो सीट पर भाजपा काबिज, एक-एक पर कांग्रेस और गोंगपा की जीत

कोरबा 03 दिसम्बर। विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए 17 नवंबर को दूसरे चरण में कोरबा जिले के सवा 7 लाख से ज्यादा मतदाताओं ने मतदान किया था। उन्होंने किसके पक्ष में अपना विश्वास जताया, यह आज स्पष्ट हो रहा है। सुबह 8 बजे आईटी कालेज परिसर में शुरू हुई मतगणना अबकी बार पूर्व की तुलना में काफी तेज रही। दोपहर तक की स्थिति में काफी कुछ तस्वीर सामने आ गयी। इसके अनुसार जिले में दो सीटों पर भाजपा काबिज होती नजर आ रही है। जबकि एक सीट पर कांग्रेस और एक सीट पर गोंगपा की जीत संभावित है।

एक्जिट पोल के अनुमानों को धता बताते हुए ईव्हीएम ने आज जो आंकड़े दिये, उसने राजनीतिक दलों के साथ-साथ लोगों को भी चौंका दिया। चुनाव के मतदान से पहले कांग्रेस खेमा कोरबा जिले के साथ-साथ प्रदेश में सशक्त प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त था। लेकिन यह सब उल्टा हो गया। कोरबा जिले में पिछले चुनाव में रामपुर सीट पर भाजपा काबिज थी और बाकी तीन सीटें कांग्रेस के कब्जे में थी। जिले के खामोश मतदाताओं ने अबकी बार अपने निर्णय से पूरे समीकरण ही बदल दिये, ऐसा अब की स्थिति से प्रतीत होता है। कोरबा शहरी विधानसभा क्षेत्र में पिछले तीन चुनाव जीत रहे राजस्व मंत्री जय सिंह अर्ग्रवाल इस बार भाजपा के लखनलाल देवांगन के साथ मुकाबले में रहे। 14 चरण की मतगणना के बाद यहां देवांगन की बढ़त रिकार्ड 17000 से ज्यादा की हो गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां भाजपा के पक्ष में निर्णय आ सकता है।

कटघोरा में भी इसी प्रकार के हालात है। कांर्ग्रेस ने मौजूदा विधायक और सरगुजा उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुरूषोत्तम कंवर को यहां से दुबारा प्रत्याशी बनाया। भारतीय जनता पार्टी ने सामान्य विधानसभा सीट पर ओबीसी कार्ड खेलते हुए ग्रामीण क्षेत्र के कार्यकर्ता और जिला पंचायत के सदस्य प्रेमचंद पटेल को उनके सामने उतार दिया। शुरूआती चरण की मतगणना में पटेल सामान्य रूप से पीछे हुए उसके बाद उन्होंने अपनी बढ़त जारी रखी। उधर पाली तानाखार आदिवासी सुरक्षित सीट पर कांग्रेस ने मौजूदा विधायक मोहितराम केरकेट्टा को किनारे कर शायद गलत निर्णय ले लिया। यहां से जनपद पंचायत अध्यक्ष दुलेश्वरी सिदार को कांग्रेस का चेहरा बनाया गया। वे गोड़वाना गणतंत्र पार्टी के उम्मीदवार तुलेश्वर सिंह के सामने कमजोर साबित हो रही है। 8वें चरण की गिनती के बाद तुलेश्वर सिंह लगभग 8 हजार मतों से आगे है। सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने मतगणना में शुरू से ही बढ़त को प्रारंभ रखा और जारी रखा। जबकि पूर्व विधायक व भाजपा प्रत्याशी रामदयाल उईके इस सीट पर तीसरे नंबर पर बने हुए है। जिले में एक बड़ा उलटफेर अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित रामपुर सीट पर होता दिख रहा है। मौजूदा विधायक और पूर्व गृह मंत्री भाजपा नेता ननकीराम कंवर अपने जीवन का अंतिम चुनाव यहां से लड़ रहे है। उनके सामने कांग्रेस ने फूल सिंह राठिया को मैदान में उतारा। राठिया 2018 के चुनाव में जोगी जनता कांग्रेस के प्रत्याशी थे और कुछ समय के बाद कांग्रेस में शामिल हो गये। इस वजह से रामपुर के पूर्व विधायक श्याम लाल कंवर सहित कई लोग फूलसिंह राठिया की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे थे। बाद में संगठन ने डेमेज कंट्रोल करने में रूची ली। चुनाव संपन्न होने के बाद कई प्रकार के आंकलन रामपुर को लेकर लगाये जा रहे थे। आज मतगणना के दौरान भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी एक-दूसरे पर भारी पड़ते नजर आये। 10वें चरण की गणना के बाद यहां ननकीराम कंवर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से पीछे है।

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