डीएसपीएम में लुढ़क कर ट्रक केबिन में घुसाः सुरक्षा कर्मी घायल, सुरक्षा के नाम पर खानापूति


कोरबा 16 नवम्बर। डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र (डीएसपीएम) में सुरक्षा कर्मी के केबिन में हाइवा जा घुसा। घटना में केबिन टूट कर सुरक्षा कर्मी पर जा गिरा। गंभीर रूप से घायल कर्मी को उपचार के लिए निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया है। घटना को लेकर कर्मियों में नाराजगी व्याप्त हो गई है।

विद्युत उत्पादन कंपनी के कोरबा पूर्व स्थित डीएसपीएम संयंत्र के पीछे तरफ साइलो से राख परिवहन करने के लिए गेट बना हुआ है। यहां से केवल हाइवा व ट्रक का आवागमन होता है, जो राख भर कर निकलते हैं। इन भारी वाहनों की आवाजाही पर निगरानी व रजिस्टर में इंट्री करने के लिए सुरक्षा कर्मी की भी तैनाती की जाती है। कर्मी के लिए केबिन (गुमटीनुमा) बना दिया गया है। जहां कर्मचारी बैठ कर रजिस्टर में लिखते हैं और पर्ची काट कर देते हैं। मंगलवार को द्वितीय पाली में सुरक्षा कर्मी रामसिंह कंवर 50 साल अपने केबिन (गुमटी) में बैठ कर काम निपटा रहा था, तभी एक हाइवा राखड़ लोड लेकर आया। शेफ अहमद नामक व्यक्ति का चालक ने वाहन को किनारे खड़ा कर दिया तथा हैंड ब्रेक नहीं लगाया। नीचे उतर कर चालक केबिन में जाकर पर्ची बनाने लगा। इस बीच हाइवा केबिन की ओर लुढ़कने लगा। सुरक्षा कर्मी समेत अन्य उपस्थित लोग कुछ समझ पाते, इसके पहले ही हाइवा केबिन से जा टकराया और केबिन टूट कर नीचे सुरक्षा कर्मी के सिर पर जा गिरा। घटना में सुरक्षा कर्मी राम सिंह के सिर व कमर में चोंट लगी।

घटना की जानकारी मिलने पर आनन- फानन में अन्य कर्मी व अधिकारी स्थल पर पहुंचे और घायल सुरक्षा कर्मी को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। इसके साथ ही मामले की दबाने के लिए लीपापोती शुरू कर दी गई। घटना को लेकर अन्य सुरक्षा कर्मियों में नाराजगी व्याप्त है। कर्मियों का कहना है कि प्रबंधन द्वारा सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है। केवल केबिन बना कर छोड़ दिया गया है। इस संबंध में चर्चा करने के लिए संयंत्र के मुख्य अभियंता डा हेमंत सचदेवा को मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, पर उन्होंने फोन नहीं उठाया।

कर्मियों का कहना है कि सेफ्टी विभाग द्वारा लगातार अनदेखी किया जा रहा है। कर्मियों की सुरक्षा के लिए हर प्रकार की व्यवस्था की जानी चाहिए, पर सेफ्टी विभाग में बैठे आला अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नही है। सुरक्षा के नाम पर केवल खानापूर्ति कर अपने कर्तव्य को इतिश्री कर लिया जाता है। दरअसल इन पदों पर सेफ्टी विभाग के अधिकारी के बजाए इंजीनियर की पदस्थापना कर दी गई है। यही वजह है कि सेफ्टी की अनदेखी हो रही है।

Spread the word