गेवरा माइंस में फिर हुआ हादसाः आग की लपटों से घिरा 240 टन डम्पर

कोरबा 11 नवम्बर। कोल इंडिया और विश्व में सबसे अव्वल दर्जे की कोयला खदान गेवरा में पिछली रात्रि हुए हादसे में एक उच्च क्षमता वाला डम्पर आग की लपटों से घिर गया। इसके काफी हिस्से को नुकसान पहुंचा। आंकलन है कि एसईसीएल को इसके चलते लंबी चपत लगी है। मूल्यांकन के बाद वास्तविक क्षति की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

जानकारी के अनुसार गेवरा खदान के ईस्ट सेक्शन आनंद वाटिका के पास कटर पिलर कंपनी 240 टन डंपर क्रमांक 1127 जलकर खाक हो गया। घटना शुक्रवार को हुई। बताया गया कि डंपर पहले से ब्रेकडाउन था जिसे रामदेव देवांगन डंपर ऑपरेटर इसको चला रहे थे। डंपर के इंजन से अचानक धुंआ निकलने लगा और कुछ देर बाद उसमें आग लग गई। तत्काल इस बारे में माइंस रेस्क्यू और अग्निशमन विभाग को सूचना दी गई ताकि नियंत्रण किया जा सके। फायर पार्टी की पहुंचने के पहले डंपर पूरी तरह आग के चपेट में धूं-धूं कर जल रहा था। इससे पहले भी गेवरा माइंस में इस प्रकार की घटनाएं हो चुकी है जिनमें 240 टन क्षमता की डंपर आग की भेंट चढ़े हैं और प्रबंधन के लिए सिरदर्द साबित हुए हैं। इस तरह की घटना के पीछे मुख्य रूप से तकनीकी कारण बताए जा रहे हैं और इसके साथ ही समय पर पर्याप्त रखरखाव व उचित कार्यवाही नहीं किये जाने को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है। फिलहाल गेवरा में जो कुछ हुआ उसने सवाल तो खड़े कर ही दिए हैं।

याद रहे काफी समय पहले इसी परियोजना में बुलाए गए सैकड़ों डम्पर लंबे समय तक कामकाज का हिस्सा नहीं बन सके लेकिन इसके बावजूद संबंधित कंपनी को भुगतान करना पड़ा। कोलफील्ड्स में अलग-अलग तरह के मामलों की चर्चा समय-समय पर होती रही है और इनसे जुड़ी पृष्ठभूमि को लेकर जांच की आंच ने भी अधिकारियों को परेशान किया है। देखना होगा कि आगजनी के मामलों को लेकर आगे क्या नतीजे आते हैं।

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