हाथियों का उत्पात जारी: कटराडेरा में फिर दो विद्युत खंभों को किया क्षतिग्रस्त

कोरबा 06 सितंबर। जिले में कटघोरा एवं कोरबा वनमंडल में हाथियों का उत्पात जारी है। कोरबा वनमंडल के कुदमुरा रेंज के गुरमा क्षेत्र में घूम रहे दंतैल ने आज लगातार दूसरे दिन उत्पात मचाते हुए कटराडेरा में फिर दो विद्युत खंभों को धराशायी कर दिया। जिससे ग्रामीणों व बिजली विभाग की दिक्कतें बढ़ गई है। जबकि कलमीटिकरा में मौजूद 12 हाथी आगे बढकऱ पसरखेत रेंज के फुलसरी गांव पहुंच गए हैं। हाथियों ने यहां पहुंचने से पहले रास्ते में धान की फसल को रौंदकर भारी नुकसान किया है। कटघोरा वनमंडल के केंदई रेंज में भी बड़ी संख्या में हाथियों का डेरा है। इन हाथियों ने रेंज के कोरबी सर्किल अंतर्गत डंगबोरा गांव में पहुंचकर 9 ग्रामीणों के धान फसल को रौंद दिया। हाथियों द्वारा कोरबा एवं कटघोरा वनमंडल के गांवों में उत्पात मचाए जाने की सूचना पर संबंधित वन अमला मौके पर पहुंचकर नुकसानी का आंकलन शुरू कर दिया है।

जानकारी के अनुसार 13 हाथियों का दल कोरबा वनमंडल में धरमजयगढ़ क्षेत्र से पहुंचा है जबकि केंदई रेंज में 39 की संख्या में हाथी पहले से ही मौजूद है। इन हाथियों ने केंदई रेंज के जंगल को अपना बसेरा बना लिया है। बड़ी संख्या में हाथियों के क्षेत्र में मौजूद रहने तथा लगातार विचरण करने से खतरा बढ़ गया है। हालांकि वन विभाग की ओर से हाथियों पर सतत निगरानी की जा रही है। साथ ही हाथियों के मौजूदगी वाले गांवों तथा आसपास के क्षेत्रों में मुनादी कराकर ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है लेकिन ग्रामीण वन विभाग की चेतावनी को नजरअंदाज कर लगातार जंगल व खेतों में पहुंच रहे हैं। इधर कोरबा वनमंडल में भी 13 हाथी घूम रहे हैं जिसमें एक दंतैल काफी खतरनाक व उत्पाती किस्म का है।

इस दंतैल ने डिविजन के कुदमुरा रेंज के कटराडेरा में आज लगातार उत्पात मचाते हुए यहां लगे बिजली के दो खंभों को धराशायी कर दिया। इससे पहले भी दंतैल ने चार खंभों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। बड़ी संख्या में बिजली खंभों को दंतैल द्वारा क्षतिग्रस्त किये जाने के कारण गांव में ब्लैक आउट हो गया है जिससे ग्रामीणों के साथ.साथ बिजली विभाग की परेशानी बढ़ गई हैए जहां लाइन नहीं रहने से ग्रामीणों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बिजली विभाग के समक्ष क्षतिग्रस्त खंभों के स्थान पर नए खंभे लगाने तथा विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त करने की चुनौती बन गई है।

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