केंदई रेंज के हाथी प्रभावित दो गांवों में बन रहे एलिफेंट रेस्क्यू सेंटर

कोरबा 28 जून। जिले के कटघोरा वनमंडल अंतर्गत केंदई रेंज के हाथी प्रभावित दो गांवों लालपुर व खडफड़़ीपारा में वन विभाग द्वारा एलिफेंट रेस्क्यू सेंटर बनाया जा रहा है। सेंटर के पूरा होने पर क्षेत्र के ग्रामीण हाथियों के आने पर यहां शरण ले सकेंगे। इससे पहले उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ठहरने में काफी परेशानी होती थी। कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता था।

जानकारी के अनुसार हाथियों ने केंदई रेंज को अपना अस्थाई बसेरा बना रखा है। यहां के जंगलों में हाथियों की लगातार उपस्थिति बनी रहती है। कई बार हाथी रिहायशी क्षेत्रों में पहुंचकर काफी उत्पात मचाते हैं जिससे ग्रामीणों को खतरा बना रहता है। हाथियों के क्षेत्र में पहुंचने पर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की चुनौती भी वन विभाग के समक्ष रहती है। रेंज के कई गांव ऐसे हैं जहां कोई पक्का मकान भी नहीं है। पक्का मकान नहीं होने के कारण ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने की समस्या हो रही थी। इसे देखते हुए वन विभाग ने रेंज में ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए एलिफेंट रेस्क्यू सेंटर बनाने का फैसला किया और इसके लिए सर्वाधिक हाथी प्रभावित क्षेत्र के दो गांव लालपुर व खडफड़़ीपारा को चयनित कर सेंटर का कार्य शुरू कर दिया गया है। 20.20 लाख की लागत से बनने वाले रेस्क्यू सेंटर का कार्य इन दिनों दोनों गांव में प्रगति पर है। इसमें लगभग 100 लोगों के ठहरने की क्षमता होगी। केंदई रेंजर अभिषेक दुबे ने बताया कि सेंटर का कार्य आगामी दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बनने से क्षेत्र के हाथी प्रभावित गांवों के लोगों को राहत मिल सकेगी। क्योंकि जब भी क्षेत्र में हाथियों का आगमन होगा, खतरे को भांपकर ग्रामीण यहां पहुंचकर सुरक्षित शरण ले सकेंगे। वहीं आपात स्थिति में ग्रामीणों को ठहराया भी जा सकेगा। ग्रामीण हाथियों से बचाने के लिए अपने अनाज को भी सुरक्षित रख सकेंगे।

बासिन पहुंचा गज दल इस बीच कोरबा वनमंडल के कुदमुरा रेंज में तीन अलग-अलग झुंडों में विचरण कर रहे हाथियों का दल बीती रात कुदमुरा व पसरखेत रेंज की सीमा पर स्थित बासिन गांव पहुंच गया है। हाथियों के बासिन क्षेत्र में पहुंचते ही पसरखेत रेंज का स्टाफ भी सतर्क हो गया है। हालांकि हाथियों की मौजूदगी अभी कुदमुरा रेंज में है लेकिन सीमा को पार कर पसरखेत पहुंचने की संभावना को देखते हुए वन विभाग सतर्कता बरत रहा है। आसपास के गांव में मुनादी कराने के साथ ही ग्रामीणों को सचेत कर दिया गया है।

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