रोका छेका अभियान शहर में ठप्प: मवेशी असुरक्षित, यातायात व्यवस्था में सुधार नही
कोरबा 12 जून। मवेशियों की सुरक्षा के लिए चलाए जाने वाला रोका छेका अभियान शहर में ठप हो चुका है। शहरी गोठान और निगम में काऊक्रेचर उपलब्ध होने के बाद भी सार्वजनिक स्थलों में गाय बैलों का जमावड़ा देखा जा रहा है। याताताय सुरक्षा की दृष्टि से अब कारगर कदम नहीं उठाए जाने सड़के गोठान बन गई है। प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा बारी के तहत मवेशियों एक सुरक्षित आश्रय स्थल सुरक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके बावजदूर भी न केवल मवेशी असुरक्षित हैं बल्कि यातायात व्यवस्था में सुधार नहीं है।
शहर के बुधवारी, सोनालिया चौक, सीतामढ़ी मार्ग, कोसाबड़ी, घंटाघर ऐसी जगह हैं, जहां चिलचिलाती धूप के बावजूद सड़क बीचो बीच मवेशियों को जुगाली भरते देखा जा सकता है। शहर में गोठान तो बना है लेकिन यह मवेशियों की संरक्षण स्थली नहीं बन सकी। शहर में लंगड़ाते और बीमार मवेशियों को सड़क किनारे सुस्त पड़े देखा जा सकता है। निगम में काऊक्रेचर होने के बाद भी उन्हे गोठान तक इलाज के लिए नहीं पहुंचाया जा रहा। रोका छेका अभियान शुरू होने से अनुमान लगागा जा रहा था सड़के मवेशियों से मुक्त हो जाएगी। शाम और सुबह के समय मार्ग में आवागमन बढऩे के दौरान दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। शहर से लगे गांवों में गोठानों की सुविधा नहीं है। नक्टीखार में जमीन की तालाश पूरी नहीं हुई है। जामबहार, सोनुपुरी में स्थल चिन्हाकित होने के बाद भी शहर में संचालित बाल गोपाल गऊ सेवा समिति के अध्यक्ष मूलचंद शास्त्री का कहना है कि प्रति माह सडक दुर्घटना में 20 से 30 मवेशियों की मौत हो जाती है। समिति की ओर से बीमार व दुघटना घायल मवेशियों का पंपहाउस के वनभूमि में इलाज किया जाता है। दुर्घटना ग्रस्त गाय या बैलों को लेने के लिए उनके मालिक नहीं आते। मवेशी पालकों पर निगम प्रशासन को कार्रवाई करना चाहिए।
रोका छेका अभियान के दौरान मवेशियों की सुरक्षा के लिए उनके सींग में रेडियम लगाया जा रहा है। यह प्रक्रिया सतत जारी रखा जाना था। जिन मवेशियों के सींग पहले रेडियम लगाए जा चुके हैं वहा उखड़ चुका है। मवेशियों को सड़क से हांकने के लिए निगम प्रशासन की ओर टीम बनाई गई थी। कोरोना काल के दौरान लगी लाक डाउन मार्ग में आवागम बंद होने होने टीम भी शिथिल पड़ गई। गायों की सुरक्षा के लिए टीम को फिर सक्रिय नहीं किया गया है।