डीएसपीएम की बंद हो रही इकाई का रखरखाव बेहतर ढंग से करते हुए परिचालन किया जाए: कटियार
कोरबा 01 मई। डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र डीएसपीएम की 250 मेगावाट क्षमता की एक नंबर इकाई के बार-बार बंद होने से उच्च प्रबंधन चितिंत हो उठा है। कंपनी के प्रबंध निदेशक एमडी एसके कटियार ने संयंत्र का निरीक्षण कर अधिकारियों से स्पष्ट कह दिया कि इकाई का रखरखाव बेहतर ढंग से करते हुए परिचालन किया जाए। उत्पादन के क्षेत्र में संयंत्र का नाम राष्ट्रीय स्तर पहले की तरह पुन: स्थापित हो।
विद्युत उत्पादन कंपनी के कोरबा पूर्व स्थित 500 मेगावाट के डीएसपीएम संयंत्र में 250-250 मेगावाट की दो इकाई लगी हैं। इसमें एक नंबर इकाई के टरबाइन में खराबी आने से पिछले माह 26 दिन के लिए बंद हो गई थी। अप्रैल के द्वितीय सप्ताह में इस इकाई को चालू किया गया, पर 15 दिन के अंदर इकाई तीन बार बंद हो चुकी है। इससे इकाई के मेटेनेंस पर सवाल उठने लगे हैं। शनिवार को इकाई बंद होने पर रायपुर मुख्यालय से एमडी एसके कटियार कोरबा पहुंचे। रविवार को संयंत्र का निरीक्षण करने के साथ ही उन्होंने अधिकारियों के साथ इकाई में आ रही खराबी के संबंध में चर्चा की। बताया जा रहा है कि इस दौरान अधिकारियों से स्पष्ट कह दिया कि संयंत्र में पर्याप्त स्टाफ है और इनके सहारे ही संयंत्र को चलाना है। इसलिए आपसी सामंजस्य बना कर काम किया। ताकि इकाई में बार-बार खराबी न आए। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र ने कई रिकार्ड बनाए हैं और राष्ट्रीय स्तर पर स्थान बनाया है। इसलिए पुन: इस स्थान पर काबिज होना है, तो बेहतर ढंग से इकाइयों का परिचालन करना होगा। एमडी कटियार ने एचटीपीपी संयंत्र का भी निरीक्षण कर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। यहां बताना होगा कि गर्मी में बिजली की मांग बढ़ जाती है और इस वर्ष अधिकतम मांग 5700 मेगावाट तक पहुंच चुकी है। हालांकि वर्षा होने की वजह से राज्य में बिजली की मांग में कमी आई है। बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए कंपनी ने पंजाब से 200 मेगावाट एक्सचेंज के तहत बिजली ली है। डीएसपीएम संयंत्र के बार-बार बंद होने से परिचालन पर सवाल उठने लगे है।
वर्षा होने की वजह से राज्य में बिजली की मांग में जबरदस्त गिरावट आई है। रविवार को राज्य में पीक अवर्स शाम छह से रात नौ बजे तक बिजली की मांग 3743 मेगावाट के करीब रही। विद्युत कंपनी के 1340 मेगावाट एचटीपीपी संयंत्र से 1104 मेगावाट, डीएसपीएम से 460 मेगावाट, एक हजार मेगावाट के मड़वा संयंत्र से 849 मेगावाट तथा 120 मेगावाट के जल विद्युत संयंत्र से 40 मेगावाट बिजली उत्पादित की जा रही है। इस तरह कंपनी के संयंत्र से 2460 मेगावाट व आइपीपी. सीपीपी से लेकर कुल 2508 मेगावाट बिजली राज्य को मिल रही थी। वहीं सेंट्रल सेक्टर से 1244 मेगावाट बिजली रही थी।